CRPF ने ट्वीट के साथ किया Pulwama Attack के शहीदों को याद, लिखा-हम भूले नहीं, हमने छोड़ा नहीं
नई दिल्ली। पूरा देश आज उन 40 जांबाजों को याद कर रहा है जिन्होंने पिछले वर्ष 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश के नाम अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानी सीआरपीएफ ने भी शुक्रवार को अपने उन बहादुरों को याद किया है। ठीक एक वर्ष पहले पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सुसाइड बॉम्बर ने पुलवामा के अवंतिपोरा में सीआरपीएफ काफिले को निशाना बनाया था। जोरदार ब्लास्ट में दो बसों को निशाना बनया गया और 40 जवान शहीद हो गए थे।
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लेतपोरा में हुआ मेमोरियल का उद्घाटन
सीआरपीएफ की तरफ से हमले की पहली बरसी पर ट्वीट किया गया है। इसमें लिखा है, 'हमने भूला नहीं, हमने छोड़ा नहीं'। ट्वीट में आगे लिखा है, 'तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं। गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं। हमने भूला नहीं, हमने छोड़ा नहीं। हम अपने भाईयों को सलाम करते हैं, जिन्होंने पुलवामा में देश के लिए जान दी। हम उनके परिवारों के साथ कंधे से कंधा लगाकर खड़े हैं।' पिछले वर्ष जब हमला हुआ था, तब भी सीआरपीएफ ने कुछ ऐसा ही ट्वीट किया था। 15 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ ने ट्वीट कर लिखा था, ' हम भूलेंगे नहीं, हम छोड़ेंग नहीं। पुलवामा में शहीद हुए जवानों को हम सलाम करते हैं और उनके परिवारों के साथ हैं. इस जघन्य अपराध का बदला लिया जाएगा।' हमले की पहली बरसी पर पुलवामा के लेतपोरा में सीआरपीएफ शहीदों की याद में बने मेमोरियल को उद्घाटन किया गया है। हमले के शहीदों की याद में बने इस मेमोरियल को लेतपोरा में जिस जगह तैयार किया गया है, उसके करीब ही सीआरपीएफ का कैंप है।
40 जवानों के नाम और तस्वीरें
मेमोरियल पर 40 शहीदों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई है।सीआरपीएफ के एडीशनल डायरेक्टर जनरल जुल्लिफकार हसन ने गुरुवार को बताया, 'यह हमले में शहीद बहादुर जवानों के सम्मान करने का जरिया है।' इस मेमोरियल पर उन जवानों के नाम और तस्वीरों के साथ ही सीआरपीएफ का ध्येय वाक्य- 'सेवा और निष्ठा' भी अंकित होगा। हसन ने कहा कि वह हमला वाकई एक दुर्भाग्यपूर्ण हमला था और उससे सुरक्षाबल को काफी सीख भी मिली थी। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा अवंतिपोरा से जब सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था तो ठीक उसी समय एक जोरदार ब्लास्ट हुआ। शुरुआत में इसे एक आईईडी ब्लास्ट माना गया था लेकिन कुछ घंटों बाद इस बात की पुष्टि हो गई कि यह एक सुसाइड ब्लास्ट था और इसमें आरडीएक्स का प्रयोग हुआ था। जिस काफिले को निशाना बनाया गया था उसमें 2500 जवान शामिल थे।