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पुलवामा हमले में शहीद जवानों के परिजनों को मदद नहीं मुहैया कराने के आरोपों पर CRPF ने दिया ये जवाब

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नई दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों को वित्तीय मदद नहीं मिलने के आरोपों के बीच सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स ने इन आरोपों का खंडन किया है। सीआरपीएफ की ओर से इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा गया है कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों को हर संभव मदद मुहैया कराई गई है। कई जवानों के परिजनों को वित्तीय मदद तो कई के परिजनों को अलग-अलग प्रदेश में सरकारी नैकरी मुहैया कराई गई है। बता दें कि कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार पर यह आरोप लगाया गया था कि मोदी सरकार पुलवामा के शहीद जवानों के परिजनों को वित्तीय मदद मुहैया नहीं करा रही है।

नौकरी और वित्तीय मदद

नौकरी और वित्तीय मदद

सीआरपीएफ की ओर से बयान जारी करके कहा गया कि पुलवामा के शहीदों के परिजनों को दो करोड़ 16 लाख रुपए से लेकर तीन करोड़ 24 लाख रुपए तक की मदद मुहैया कराई गई है। यही नहीं सीआरपीएफ की ओर से कहा गया है कि पुलवामा में शहीद हुए जवानों के 19 परिजनों के फ्लैट मुहैया कराए गए हैं, जबकि 21 अन्य के परिजनों को फ्लैट दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। यही नहीं 17 शहीद जवानों के परिजनों को अलग-अलग राज्य में सरकारी नौकरी दी गई है।

सुरजेवाला ने खड़ा किया सवाल

सुरजेवाला ने खड़ा किया सवाल

रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके लिखा कि हर भारतीय को पुलवामा के शहीदों पर गर्व है। आखिर मोदी सरकार बहादुर जवानों का नाम क्यों नही बता सकती है। आखिर क्यों सरकार शहीदों के परिजनों को आर्थिक मदद नहीं दे रही है। यही नहीं सुरजेवाला ने इस मामले की जांच रिपोर्ट छिपाने का भी मोदी सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आखिर क्यों जांच की रिपोर्ट को छिपाया जा रहा है। आखिर भाजपा की सरकार क्या छिपा रही है, यह देश जानना चाहता है। अपने इस ट्वीट के साथ रणदीप सुरजेवाला ने गृहमंत्रालय के एक दस्तावेज को भी साझा किया है।

इस वजह से नहीं दी गई जानकारी

इस वजह से नहीं दी गई जानकारी

यह दस्तावेज आरटीआई द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में गृहमंत्रालय की एक प्रति है। दरअसल आरटीआई के जरिए सरकार से पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के नाम और उनके परिवार को सरकार द्वारा मुहैया कराई गई वित्तीय मदद की जानकारी मांगी गई थी। जिसके जवाब में गृहमंत्रालय की ओर से लिखा गया है कि आपके द्वारा पूछे गए सवाल पर गहनता से विचार किए जाने के बाद यह अवगत कराया जा रहा है कि आरटीआई के तहत सीआरपीएफ को भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार की सूचना देने से मुक्त रखा गया है।

भ्रष्टाचार व मानवाधिकार के उल्लंघन के तथ्य नहीं

भ्रष्टाचार व मानवाधिकार के उल्लंघन के तथ्य नहीं

यही नहीं गृहमंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब में लिखा गया है कि आवेदक ने आरटीआई आवेदन के तहत ऐसा कोई भी तथ्य नहीं दर्शाया है जिससे यह प्रतीत हो कि यह मामला भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित है। लिहाजा यह विभाग आरटीआई एक्ट के तहत आवेदिका को सूचना उपलब्ध कराने के लिए बाध्य नहीं है। अगर आप उक्त जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19 के अनुसार 30 दिन के भीतर अपीलीय प्राधिककारी के समक्ष आवेदन कर सकती हैं।

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

गौरतलब है कि आज पुलवामा में शहीद हुए जवानों की शहादत की याद में इन जवानों के सम्मान में लथपोरा कैंप में एक मेमोरियल का उद्घाटन किया गया। जहां सभी 40 सीआरपीएफ के जवानों के नाम उनकी तस्वीर के साथ लगी है। यह उस जगह के बेहद करीब बनाया गया है, जहां पर आतंकियों ने इस फिदायीन हमले को अंजाम दिया था।

आत्मघाती हमले में शहीद हुए थे 40 जवान

आत्मघाती हमले में शहीद हुए थे 40 जवान

14 फरवरी को जब अवंतिपोरा से सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था, उसी वक्त एक कार ने इस काफिले के साथ चल रहे वाहन को आकर अचानक टक्कर मार दी और इसके साथ ही जबरदस्त धमाका हुआ। धमाका इतना जबरदस्त था कि इसकी गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी। धमाके के बाद आसपास का मंजर ऐसा था कि उसे देखकर किसी का भी कलेजा कांप उठे। इस हमले की जिम्‍मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद ने ली थी।

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English summary
CRPF gives strong reply on the allegation that Pulwama martyrs family not helped.
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