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4 साल की सर्विस में 7 वीरता पुरस्‍कार, CRPF के ऑफिसर नरेश कुमार ढेर कर चुके हैं 50 खतरनाक आतंकी

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नई दिल्‍ली। सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के असिस्‍टेंट कमांडेंट नरेश कुमार को शुक्रवार 7वें पुलिस गैलेंट्री मेडल (पीएमजी) से सम्‍मानित किया गया है। इसके साथ ही उन्‍होंने अपने नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज करा लिया है। सिर्फ चार साल के करियर में उन्‍हें सांतवीं बार वीरता मेडल से नवाजा गया है। वह पहले ऐसे ऑफिसर बन गए हैं जिन्‍हें सात बार यह सम्‍मान मिला है। सीआरपीएफ के डीआईजी और प्रवक्‍ता एम दिनाकरन की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है। कमांडेंट नरेश कुमार को इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर भी इस पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया था।

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जैश के तीन आतंकियों को किया ढेर

जैश के तीन आतंकियों को किया ढेर

गृह मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार की शाम उन लोगों के नाम का ऐलान किया गया जिन्‍हें 74वें स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर वीरता पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जाएगा। इस लिस्‍ट में 926 नाम हैं जिनमें 215 पुलिस मेडल हैं जो बहादुरी के लिए दिए जाएंगे और 80 राष्‍ट्रपति मेडल। 631 मेडल असाधारण सर्विस के लिए हैं। पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले नरेश कुमार को इस बार यह मेडल अक्‍टूबर 2017 में एक आत्‍मघाती हमले के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन के लिए मिला है। यह ऑपरेशन हाई सिक्‍योरिटी श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के करीब बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के कैंप पर होने वाले जैश-ए-मोहम्‍मद (जैश) के हमले को विफल करने के लिए चलाया गया था। उस ऑपरेशन में तीन आतंकी ढेर हुए थे।

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26 जनवरी को भी हुए थे सम्‍मानित

26 जनवरी को भी हुए थे सम्‍मानित

35 साल के नरेश कुमार सीआरपीएफ के वह योद्धा हैं जिन्‍होंने जम्‍मू कश्‍मीर में अपनी राइफल के दम पर 50 आतंकियों का सफाया किया है। वह अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के ऑफिसर हैं। 26 जनवरी को उन्‍हें जो पुलिस वीरता सम्‍मान दिया गया था वह श्रीनगर के छत्‍ताबल में चलाए गए ऑपरेशन के लिए उन्‍हें मिला था। साल 2018 में चलाए गए ऑपरेशन में असिस्‍टेंट कमांडेंट नरेश कुमार ने लश्‍कर-ए-तैयबा के टॉप आतंकी शौकत अहमद छाक और दो आतंकियों को ढेर किया था। कुमार पांच साल तक जम्‍मू कश्‍मीर में तैनात रहे हैं। उनके दादा, पिता और उनके चाचा समेत परिवार के दूसरे सदस्‍य सेनाओं में सेवा दे चुके हैं।

कंधे पर तीन सितारे सजाने का प्रण

कंधे पर तीन सितारे सजाने का प्रण

वह 12वीं कक्षा में थे जब उनके पिता सेना से ऑनरेरी कैप्‍टन के तौर पर रिटायर हुए। उस समय पिता के कंधे पर तीन सितारे देख असिस्‍टेंट कमांडेंट नरेश ने प्रण लिया कि वह भी एक दिन अपने कंधे पर तीन सितारे जरूर सजाएंगे। उनकी पत्‍नी शीतल रावत भी सीआरपीएफ में ऑफिसर हैं। असिस्‍टेंट कमांडेंट नरेश कुमार ने बताया कि जो भी ऑपरेशन उन्‍होंने किए हैं उनकी गिनती करना तो काफी मुश्किल है। मगर उनकी टीम ने घाटी में करीब 50 आतंकियों को मौत के घाट उतारा है। उन्‍होंने इंडियन आर्मी और जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस को भी धन्‍यवाद कहा है जिसकी वजह से सीआरपीएफ ने घाटी में कई आतंकियों का सफाया करने में सफलता हासिल की है।

NSA डोवाल भी कर चुके हैं तारीफ

NSA डोवाल भी कर चुके हैं तारीफ

उन्‍होंने बताया कि पहली बार साल 2017 में उन्‍हें यह सम्‍मान मिला था। असिस्‍टेंट कमांडेंट नरेश कुमार के शब्‍दों में, 'मैंने अपना पहला पीएमजी साल 2017 में हासिल किया गथा जो कि श्रीनगर में साल 2016 में हुए एक ऑपरेशन के लिए मिला था। हमने दो विदेशी आतंकियों को मारा था। इसी तरह से साल 2018 में दो पीएमजी मिले जो हिजबुल के कमांडर्स को मारने के लिए मिला था।' उन्‍होंने बताया कि इस वर्ष उन्‍हें दो पीएमजी मिले हैं जिसमें से एक गणतंत्र दिवस और एक स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर हासिल हुए। नेशनल सिक्‍योरिटी एडवाइजर (एनएसए) अजित डोवाल ने उस समय उनकी तारीफ की जब उन्‍होंने लश्‍कर के आतंकी अहमद टाक को ढेर कर दिया था।

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English summary
CRPF Assistant Commandant Naresh Kumar scripts history by being conferred 7th Police Medal for Gallantry.
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