मोदी-शाह को कैसे हराएं? इस मुद्दे पर मचा CPM में मचा घमासान, कांग्रेस बनी हंगामे की वजह
कोलकाता। 2019 लोकसभा चुनाव में मोदी-शाह को कैसा हराया जाए? इस मुद्दे को लेकर रविवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-CPIM)में खूब घमासान मचा। बैठक में पार्टी के दो वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी और प्रकाश करात आमने-सामने आ गए।
सीताराम येचुरी ने पेश किया ड्राफ्ट, पर पार्टी का नहीं मिला समर्थन
पार्टी के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी ने रविवार को पार्टी की सेंट्रल कमेटी में एक ड्राफ्ट पेश किया। इस ड्राफ्ट में 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति क्या हो, इस बारे में सीताराम येचुरी ने अपना फार्मूला रखा था। येचुरी की नजर में पार्टी को सभी ''धर्मेनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों'' के साथ एलायंस करके चुनाव में उतरना चाहिए। ऐसे दलों में कांग्रेस का भी नाम शामिल हैं। येचुरी के इस प्रस्ताव पर पार्टी की सेंट्रल कमेटी में वोटिंग हुई। इस ड्राफ्ट के पक्ष में सिर्फ 31 वोट पड़े, जबकि विरोध में 55 वोट डाले गए।
प्रकाश करात हैं विरोधी खेमे के नेता
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-CPIM) के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने येचुरी के प्रस्ताव का विरोध किया। उनका कहना है कि उन्हें चुनाव में बिना किसी एलायंस के जाना चाहिए। येचुरी और करात के इस प्रकार से आमने-सामने आने से पार्टी दोफाड़ होती दिख रही है।
केरल और बंगाल के नेताओं के मत अलग-अलग
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-CPIM) के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी को बंगाल के ज्यादातर नेताओं को समर्थन हासिल है। वहीं, प्रकाश करात को केरल के ज्यादातर नेताओं का सपोर्ट है। ऐसे में कहना गलत न होगा कि आने समय में पार्टी के भीतर का यह घमासान और बढ़ने वाला है। हालांकि, करात-येचुरी दोनों एक बात पर सहमत हैं कि 2019 में मोदी को हराना है, लेकिन कैसे हराना है, इस बात पर पार्टी में घमासान आने वाले समय में और बढ़ सकता है।