माकपा सांसद ने अडानी समूह द्वारा जीती 6 हवाई अड्डे की बोली में अनियमितता का आरोप लगाया
नई दिल्ली। माकपा राज्यसभा सांसद एलामाराम करीम ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को लिखित एक शिकायत में अडानी समूह 6 हवाई अड्डे हवाईअड्डे देने के फैसले में अनियमितता का आरोप लगाया है। इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) को भी शिकायत भेज दिया गया है, जिससे मुद्दे की जांच की उम्मीद है। शिकायत में दावा किया गया है कि मामले में सरकार द्वारा 'अनुचित जल्दबाजी' दिखाई गई थी।
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6 एएआई हवाई अड्डों को पुरस्कृत करने की प्रक्रिया में अनियमितता की गई
इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार पत्र के जरिए दर्ज शिकायत में माकपा सांसद करीम ने अदानी एंटरप्राइजेज को छह एएआई हवाई अड्डों को पुरस्कृत करने की प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाया है। पत्र में कहा गया है कि यह उन रिकॉर्ड से भी स्पष्ट है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय राष्ट्रीय संपत्ति के लिए सही मूल्य प्राप्त करने की कोशिश करने के बजाय 28.02.2019 से पहले लेन-देन को पूरा करने की जल्दबाजी में था।
निजी क्षेत्र के हितों की सुरक्षा के लिए समय की विस्तार की अनुमति दी गई
ध्यान देने योग्य बात है कि मंत्रालय ने निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों के हितों की सुरक्षा के लिए महामारी के दौरान अहमदाबाद / लखनऊ और मैंगलोर हवाईअड्डों को अदानी एंटरप्राइजेज को देने के लिए समय की विस्तार की अनुमति दी। मामले पर विमानन मंत्रालय, एएआई और अदानी समूह से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
अडानी समूह ने फरवरी 2019 में PPP मॉडल से 6 हवाई अड्डों की बोली जीती
गौरतलब है अडानी समूह ने फरवरी 2019 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से 50 वर्षों तक छह एएआई हवाई अड्डों में क्रमशः अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु के प्रबंधन और संचालन के लिए बोलियां जीती थीं। छह में से तीन क्रमशः अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरु हवाई अड्डों का अधिग्रहण कोरोना माहारी के चलते अदानी समूह द्वारा विलंबित किया गया है। मार्च में समूह ने कोरोना प्रकोप के कारण बल की क्षमता का हवाला देते हुए AAI को बताया कि वह हवाई अड्डों पर नियंत्रण रखने में असमर्थ होगा। इसके बाद AAI ने मार्च 2021 तक छह हवाई अड्डों पर अपने अनुबंध बढ़ा दिया था।
अडानी एंटरप्राइजेज के पास हवाई अड्डों के प्रबंधन का कोई पूर्व अनुभव नहीं था
अडानी एंटरप्राइजेज, जिनके पास हवाई अड्डों के प्रबंधन का कोई पूर्व अनुभव नहीं था, उसने बोली जीतने के बाद अडानी एयरपोर्ट्स नामक एक अलग इकाई बनाई थी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत काम करने वाला एएआई देश भर में 100 से अधिक हवाई अड्डों का मालिक है और उनका प्रबंधन करती है। 2018 में सरकार ने लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी में हवाई अड्डों के निजीकरण का फैसला किया था।