भैंस बताकर देश के बाहर भेजा जा रहा गोमांस, पांच राज्यों में एफआईआर दर्ज
नई दिल्ली। भैंस के मांस का लेबल लगाकर गाय का मांस देश से कथित तौर पर निर्यात किया जा रहा है। इस गैर-कानूनी निर्यात में फर्जी सर्टिफिकेट और गलत लेवलिंग का सहारा लिया जा रहा है। इस तरह के मामलों में पुलिस ने पांच राज्यों में कई एफआईआर दर्ज की हैं, जिसके बाद पुलिस जांच कर रही है। बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और झारखंड में पुलिस ने गौमांस के गैरकानूनी निर्यात को लेकर नौ एफआईआर दर्ज की हैं।
दो माह में 1,011 टन गाय का मांस जब्त
बीते दो माह में इन राज्यों में 1,011 टन गाय का मांस जब्त किया गया है, जिसकी कीमत 16 करोड़ से ज्यादा बताई है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस गैर-कानूनी धंधे में जाली सर्टिफिकेट्स का सहारा लिया जा रहा है।
9 सैंपल में 7 में गोमांस पाया गया
पुलिस ने जो मांस जब्त किया है, उसके 9 सैंपल को फॉरेंसिक साइंस लैब में परीक्षण के लिए भेजा गया, इनमें 9 सैंपल में 7 में गोमांस पाया गया, दो सैंपल की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इस रिपोर्ट के बाद एक दर्जन मीट निर्यात कंपनियां जांच के दायरे में हैं। इसमें दिल्ली की वर्टेक्स एग्री प्रोडक्ट और ग्लोबल फूड इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन भी शामिल हैं।
निर्यात के लिए तीन रिपोर्ट जरूरी
नियम के मुताबिक देश से मीट का निर्यात करने के लिए जो जानवर काटा जा रहा है, उसकी स्वास्थ रिपोर्ट, जानवर की पोर्टमॉर्टम रिपोर्ट और मांस की लैबोरेटरी रिपोर्ट होना जरूरी है। इस मामले में पाया गया है कि कानून को ताक पर रख फर्जी सर्टिफिकेट और अधिकारियों की मिलीभगत से गौमांस का निर्यात हो रहा है। जिन मामलों की जांच की जा रही है, उनमें कंसाइनमेंट के साथ केवल सरकारी लैबरेटरी और जानवरों के सरकारी डॉक्टर की ओर से जारी हेल्थ सर्टिफिकेट थे।