कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले यात्रियों को यूरोपीय संघ के देश नहीं देंगे 'ग्रीन पास'
नई दिल्ली, जून 27: देश में कोरोना वैक्सीन अभियान जोरों पर है। देश में अधिकतर लोगों को कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड दी जा रही है। लेकिन कोविशील्ड को अभी भी कई देशों ने अपने यहां अप्रूवल नहीं मिला है। अब इससे जुड़ी एक औऱ खबर सामने आ रही है। कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले यात्री यूरोपीय संघ के 'ग्रीन पास' के लिए पात्र नहीं होंगे, जो 1 जुलाई से उपयोग के लिए उपलब्ध होगा। कई यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने डिजिटल "वैक्सीन पासपोर्ट" जारी करना शुरू कर दिया है जो यूरोपीय लोगों को काम या पर्यटन के लिए स्वतंत्र रूप से आने-जाने की अनुमति देगा।
प्रतिरक्षा पासपोर्ट इस बात के प्रमाण के रूप में काम करेगा कि किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस रोग के खिलाफ टीका लगाया गया है। यूरोपीय संघ ने पहले कहा था कि सदस्य देशों को कोविड -19 वैक्सीन के प्रकार की परवाह किए बिना प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए। लेकिन 'ग्रीन पास' की तकनीकी विशिष्टताओं से संकेत मिल रहे हैं कि ये "ईयू-व्यापी विपणन प्राधिकरण से प्राप्त करने वाले टीकों तक सीमित होगा।
वर्तमान में, यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) द्वारा चार टीकों को मंजूरी दी गई है जिनका उपयोग यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में किया जा सकता है: कॉमिरनाटी (फाइजर / बायोएनटेक), मॉडर्न, वैक्स्ज़र्वरिया (एस्ट्राजेनेका), जेनसेन (जॉनसन एंड जॉनसन)। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन के एक संस्करण कोविशील्ड को यूरोपीय बाजार के लिए ईएमए द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है।
ईयू ग्रीन पास केवल एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के वैक्स्ज़र्वरिया संस्करण को मान्यता देगा जो यूके या यूरोप के आसपास की अन्य साइटों में निर्मित होता है। कोविशील्ड के प्राप्तकर्ताओं में बड़े पैमाने पर भारतीय और निम्न और मध्यम आय वाले देशों के नागरिक शामिल हैं। बता दें कि, कोविशील्ड को डब्ल्यूएचओ से भी मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद भी यूरोपियन यूनियन की ओऱ से वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी गई है।