COVID19:गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइंस में 1 दिसंबर से कहां लगी पाबंदी, कहां मिली छूट
नई दिल्ली- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 को लेकर आज नई गाइडलाइंस जारी की है, जो 1 दिसंबर से लागू होगा। इस गाइडलाइंस में मुख्य फोकस इस बात को लेकर है कि अबतक कोविड-19 के खिलाफ जो कामयाबी हासिल की गई है, उसे बरकरार रखी जाए। इसके साथ ही जिन राज्यों या संघ शासित प्रदेशों में हाल में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है, वहां अतिरिक्त सावधानी बरतने पर जोर दिया गया है। इस गाइडलाइं में राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से कहा गया कि वह रोकथाम, विभिन्न गतिविधियों से संबंधित स्पेशल ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर का सख्ती के साथ पालन करें और कोविड के मुताबिक व्यवहार के लिए सावधानी बरतें और और भीड़ को नियंत्रित करें।
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स्थानीय
स्तर
पर
पाबंदियां
लगा
सकती
हैं
राज्य
सरकार
गृह
मंत्रालय
की
ओर
से
जारी
गाइडलाइंस
में
इस
बात
पर
जोर
दिया
गया
है
कि
कंटेंमेंट
की
रणनीति
का
सख्ती
से
पालन
किया
जाए,
सर्विलांस
पर
फोकस
रहे
और
एमएचए
और
स्वास्थ्य
मंत्रालय
की
ओर
से
जारी
दिशा
निर्देशों
को
पूरी
तरह
से
ध्यान
में
रखा
जाए।
इन
सभी
दिशा-निर्देशों
के
पालन
के
लिए
स्थानीय
जिला,
पुलिस
और
निगम
के
अधिकारी
जिम्मेदार
होंगे।
इसके
साथ
ही
इसमें
राज्य
सरकारों
और
संघ
शासित
प्रदेशों
के
प्रशासनों
को
इस
बात
की
छूट
दी
गई
है
कि
वो
परिस्थिति
के
अनुसार
संक्रमण
रोकने
के
लिए
स्थानीय
स्तर
पर
पाबंदियां
लगा
सकते
हैं।
सर्विलांस
और
कंटेन्मेंट
कंटेन्मेंट
जोन
में
सिर्फ
आवश्यक
गतिविधियों
की
अनुमति।
इन जगहों पर गैर-जरूरी लोगों की आवाजाही की मनाही होगी। सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी।
घर-घर जाकर सर्विलांस टीम की ओर से गहन सर्विलांस किया जाएगा।
पॉजिटिव व्यक्तियों के संपर्कों की पूरी लिस्ट बनेगी और उनकी पहचान करके उनका 14 दिनों तक फॉलोअप किया जाएगा। 80 फीसदी संपर्कों का 72 घंटों में पता लगाया जाएगा।
कोविड-19 मरीजों को तत्काल इलाज वाले स्थानों या घरों में आइसोलेशन सुनिश्चित किया जाएगा।
कोविड-19 को लेकर कैसा बर्ताव हो, इसके लिए समाज में जागरूकता लायी जाएगी।
इन सभी गाइडलाइंस की तामील सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारें या संघ शासित प्रदेश अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करेगी।
करें
कोविड
उपयुक्त
व्यहार,
नहीं
तो
सख्ती
के
लिए
रहें
तैयार
राज्य
सरकारें
और
संघ
शासित
प्रदेश
लोगों
में
मास्क
पहनने,
सोशल
डिस्टेंसिंग
का
पालन
करने
और
हाथ
की
स्वच्छता
के
प्रति
उपयुक्त
व्यवहार
अपनाने
को
बढ़ावा
देंगे।
लोग सार्वजनिक स्थानों और कार्य स्थलों पर आवश्यक तौर पर मास्क पहनें, इसके लिए संबंधित प्रशासनिक कार्रवाई भी की जा सकती है, जिसके तहत मास्क नहीं पहनने पर उचित फाइन भी लगाया जा सकेगा।
भीड़ वाली जगहों, खासकर बाजारों, साप्ताहिक बाजारों और सार्वजनिक यातायात में सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय अलग से एक एसओपी जारी करेगा, जिसे सभी राज्य सरकारें और संघ शासित प्रदेश सख्ती से लागू करेंगे।
इन
चीजों
को
छोड़कर
कंटेंमेंट
जोन
से
बाहर
सभी
गतिविधियों
पर
छूट
अंतरराष्ट्रीय
हवाई
यात्रा-
गृह
मंत्रालय
की
इजाजत
के
अनुसार
सिनेमा हॉल और थियेटर में 50 फीसदी क्षमता के साथ
स्वीमिंग पूल- सिर्फ खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए
एग्जिबिशन हॉल- सिर्फ बिजनेस से जुड़े कार्य के लिए
सामाजिक/धार्मिक/खेल/मनोरंजन/शिक्षा/सांस्कृतिक समारोह- हॉल के लिए क्षमता का अधिकतम 50फीसदी, बंद जगह पर 200 लोग और खुली जगहों पर मैदान और स्थान के मुताबिक। हालांकि, परिस्थिति के मुताबिक बंद जगहों के लिए अधिकतम लोगों की संख्या 100 तक सीमित की जा सकती है।
लॉकडाउन-कर्फ्यू
पर
गाइडलाइंस
में
क्या
है?
स्थानीय
जरूरतों
के
मुताबिक
कोविड
संक्रमण
के
मद्देनजर
राज्य
सरकारें
या
यूटी
स्थानीय
पाबंदियां
जैसे
कि
रात
में
कर्फ्यू
लगा
सकती
हैं।
लेकिन,
कंटेंमेंट
जोन
के
बाहर
ये
सरकारें
बिना
केंद्र
सरकार
से
पूर्व
चर्चा
के
लोकल
लॉकडाउन
लागू
नहीं
करेंगे।
अंतरराज्यीय और राज्यों के अंदर लोगों या सामानों की आवाजाही या फिर पड़ोसी मुल्कों के साथ व्यापार के लिए जिसके साथ समझौता है वहां आने-जाने की कोई पाबंदी नहीं होगी। इस तरह की आवाजाही के लिए अलग से किसी अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल के बच्चों को सलाह गी गई है कि वह घर पर ही रहें और सिर्फ जरूरी काम से ही बाहर निकलें।
आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते रहें।
पूरी गाइडलाइंस देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए