देश में कोरोना की दूसरी लहर, आंदोलन छोड़ सरकार से बातचीत करें किसान यूनियन: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
नई दिल्ली। नवंबर, 2020 के अंतिम सप्ताह से जारी किसान आंदोलन को पांच महीने से भी अधिक समय हो गया है लेकिन आंदोलनकारी अपनी जगह से हिलने को तैयार नहीं हैं। इस बीच नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान नेताओं में कई दौर की बैठकें भी हुईं लेकिन हल नहीं निकल पाया। वहीं देश में एक बार फिर कोरोना वायरस कि विकराल रूप देखने को मिल रहा है। शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मैंने किसान नेताओं से कई बार अनुरोध किया है कि वह अपने बच्चों और अन्य लोगों को वापस घर भेज दें।
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गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस महामारी का तांडव पिछले वर्ष से भी कई गुना अधिक रफ्तार से जारी है। प्रतिदिन अब भारत में एक लाख से अधिक मरीज सामने आ रहे हैं, जबकि सैंकड़ों लोगों की मृत्यु हो रही है। बढ़ते संक्रमण के बीच दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन बदस्तूर जारी है। कोरोना मामलों का हवाला देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपने घर लौटने की अपील की है।
सरकार
ने
नहीं
छोड़ी
कोई
कसर
उन्होंने
कहा,
'किसानों
के
मन
में
असंतोष
नहीं
है।
जो
किसान
संगठन
इन
बिलों
के
विरोध
में
है
उनसे
सरकार
बातचीत
के
लिए
तैयार
है।
मैं
किसान
संगठनों
से
आग्रह
करूंगा
कि
वे
अपना
आंदोलन
स्थगित
करे
अगर
वे
बातचीत
के
लिए
आएंगे
तो
सरकार
उनसे
बातचीत
के
लिए
तैयार
है।'
तोमर
ने
आगे
कहा,
'कई
किसान
यूनियनें,
अर्थशास्त्री
कृषि
विधेयकों
का
समर्थन
कर
रहे
हैं
लेकिन
कुछ
किसान
बिलों
का
विरोध
कर
रहे
हैं।
किसान
संघों
के
साथ
सरकार
ने
11
दौर
की
वार्ता
की,
हम
और
बातचीत
के
लिए
तैयार
हैं।'
कोरोना
की
दूसरी
लहर
शुरू
केंद्रीय
मंत्री
ने
आगे
कहा,
'हमने
किसान
बिल
में
विवादित
संशोधन
पर
चर्चा
करने
और
उनमें
करने
की
पेशकश
की।
हालांकि
किसान
यूनियनों
ने
स्वीकार
नहीं
किया
और
कारण
भी
नहीं
बताया।
जब
सरकार
बातचीत
के
लिए
तैयार
नहीं
होती
है
या
जब
संघ
को
अनुकूल
प्रतिक्रिया
नहीं
मिलती
है
तो
आंदोलन
जारी
रहता
है।
यहां
किसान
संगठनों
ने
आंदोलन
को
बिना
मतलब
जारी
रखा
है।'
उन्होंने
कहा,
मैंने
कई
बार
संघ
नेताओं
आग्रह
किया
है
कि
कोरोना
के
मद्देनजर
वह
अपने
बच्चों
और
वृद्धों
को
वापस
घर
भेज
दें।
अब
दूसरी
लहर
शुरू
हो
गई
है,
किसानों
और
उनकी
यूनियनों
को
कोविड-19
प्रोटोकॉल
का
पालन
करना
चाहिए।
उन्हें
विरोध
स्थगित
कर
हमारे
साथ
विचार-विमर्श
करना
चाहिए।
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