Covid19: वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में शीर्ष पर हैं भारत, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया
नई दिल्ली। ऐसे समय में जब कई देशों द्वारा कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लागू है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MOHFW) और दुनिया भर के आंकड़ों से पता चला है कि पश्चिम के अधिकांश देशों की तुलना में भारत को 12,000 या उससे अधिक Covid19 पॉजिटिव रोगियों की संख्या तक पहुंचने अधिक समय लगा है।
आंकड़ों के मुताबिक भारत में संक्रमितों लोगों दर से पता चलता है कि भारत में कोरोना वायरस रोगियों की संख्या 3000-6000 तक पहुंचने में कुल छह दिन का समय लिया था और भारत में पिछले सप्ताह ही यह संख्या दोगुने से अधिक यानी 12,799 पहुंच चुका है।
Covid19: लॉकडाउन के कारण अकेले विमानन क्षेत्र में खतरे में हैं 20 लाख नौकरियां!
स्वास्थ्य मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गत 25 मार्च से 21 दिनों के लिए शुरू हुए लॉकडाउन 1.0 में महामारी को रोकने के लिए भारत का प्रयास सफल रहा, जिसे दुनिया भर में महामारी को टालने के व्यापक अभ्यास के रूप में देखा गया।
उन्होंने कहा कि रेल नेटवर्क और घरेलू हवाई अड्डों पर प्रतिबंधों के साथ संयुक्त प्रतिबंध ने अब कार्यस्थल के मानदंडों को निर्धारित करते हुए औद्योगिक क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में गतिविधि फिर से शुरू करने का भारत को अवसर दिया है और अब हम लॉकडाउन 2.0 के दौरान भी 20 अप्रैल से इन क्षेत्रों में परिचालन शुरू करते हैं।
संक्रमितों की 3000 से 6000 तक पहुंचने में भारत ने 6 दिन का समय लिया
आंकड़ों के मुताबिक भारत में संक्रमितों लोगों दर से पता चलता है कि भारत में कोरोना वायरस रोगियों की संख्या 3000-6000 तक पहुंचने में कुल छह दिन का समय लिया था और भारत में पिछले सप्ताह ही यह संख्या दोगुने से अधिक यानी 12,799 पहुंच चुका है।
लॉकडाउन 1.0 में महामारी को रोकने के लिए भारत का प्रयास सफल रहा
स्वास्थ्य मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गत 25 मार्च से 21 दिनों के लिए शुरू हुए लॉकडाउन 1.0 में महामारी को रोकने के लिए भारत का प्रयास सफल रहा, जिसे दुनिया भर में महामारी को टालने के व्यापक अभ्यास के रूप में देखा गया।
लॉकडाउन 2.0 के दौरान 20 अप्रैल से परिचालन शुरू कर सकते हैं
रेल नेटवर्क और घरेलू हवाई अड्डों पर प्रतिबंधों के साथ संयुक्त प्रतिबंध ने अब कार्यस्थल के मानदंडों को निर्धारित करते हुए औद्योगिक क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में गतिविधि फिर से शुरू करने का अवसर दिया है, अब हम लॉकडाउन 2.0 के दौरान भी 20 अप्रैल से इन क्षेत्रों में परिचालन शुरू कर सकते हैं।
Covid19 मामले 10,000 पार करने वाले दिन हुए 2.1 लाख परीक्षण
MOHFW के आंकड़े यह भी बताते हैं कि जिस दिन Covid19 के मामले 10,000 अंक को पार कर गए थे उस दिन 2.1 लाख परीक्षण किए गए थे जबकि दो सप्ताह पहले जब पॉजिटिव मामले 5000 अंक पार कर गए थे, जब भारत में 1.14 लाख परीक्षण किए गए थे। केवल कनाडा ही एक ऐसा देश था, जिसने इस पैरामीटर पर भारत से बेहतर प्रदर्शन किया है। कनाडा ने इसी मामले की पॉजिटिव संख्या के लिए 2.9 लाख परीक्षण और 2.4 लाख परीक्षण किए।
घनी आबादी के बावजूद प्रति 10 लाख आबादी पर भारत में केवल 9 मामले
MOHFW और वर्ल्डोमीटर के आंकड़े यह भी बताते हैं कि भारत घनी आबादी के बावजूद प्रति 10 लाख आबादी पर केवल 9 मामले सामने आए हैं। इस मामले में भारत ऑस्ट्रेलिया( 253), जापान (68) और दक्षिण कोरिया ( 207) से काफी पीछे हैं। इस मामले में भारत न केवल अमेरिका (1946) बल्कि स्पेन (3864) और इटली (2732) से भी पीछे है।
प्रति 10 लाख आबादी में होने वाली मौतों के मामले में भी भारत बेहतर
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि प्रति 10 लाख आबादी में होने वाली मौतों के मामले में भी भारत अपने एशियाई पड़ोसी देशों मसलन ऑस्ट्रेलिया (2), जापान (1), दक्षिण कोरिया (4) जैसे ट्रांसकॉन्टिनेंटल देशों से पीछे है। इसी श्रेणी में स्पेन (402), इटली (358), फ्रांस (263) और यूके (190) ने 100 का आंकड़ा पार कर लिया है।
MOHFW के आंकड़े यह भी बताते हैं कि जिस दिन Covid19 के मामले भारत में 10,000 अंक को पार कर गए थे उस दिन 2.1 लाख परीक्षण किए गए थे जबकि दो सप्ताह पहले जब पॉजिटिव मामले 5000 अंक पार कर गए थे, जब भारत में 1.14 लाख परीक्षण किए गए थे।
इस मामले में केवल कनाडा ही एक ऐसा देश था, जिसने इस पैरामीटर पर भारत से बेहतर प्रदर्शन किया है। कनाडा ने इसी मामले की पॉजिटिव संख्या के लिए 2.9 लाख परीक्षण और 2.4 लाख परीक्षण किए, जबकि इटली ने इसी मामले की पॉजिटिव संख्या के लिए covid19 संदिग्धों के केवल 73,154 और 49,937 परीक्षण किए गए थे, जहां अब तक 21,645 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
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MOHFW और वर्ल्डोमीटर के आंकड़े यह भी बताते हैं कि भारत की घनी आबादी के बावजूद प्रति 10 लाख आबादी पर केवल 9 मामले सामने आए हैं और इस मामले में भारत ऑस्ट्रेलिया( 253), जापान (68) और दक्षिण कोरिया ( 207) से काफी पीछे हैं। इस मामले में भारत न केवल अमेरिका (1946) बल्कि स्पेन (3864) और इटली (2732) से भी काफी पीछे है।
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि प्रति 10 लाख आबादी में होने वाली मौतों के मामले में भी भारत ने अपने एशियाई पड़ोसी देशों मसलन ऑस्ट्रेलिया (2), जापान (1), दक्षिण कोरिया (4) जैसे ट्रांसकॉन्टिनेंटल देशों से पीछे छोड़ा है। इसी श्रेणी में स्पेन (402), इटली (358), फ्रांस (263) और यूके (190) ने 100 का आंकड़ा पार कर लिया है।
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