बेंगलुरु के वैज्ञानिक ने किया दावा, कोरोना वायरस को 'बेअसर' कर सकती है ये डिवाइस, टेस्ट के लिए भेजी गई अमेरिका
बेंगलुरु। दुनियाभर के करीब 6 लाख लोगों को संक्रमित कर चुके कोरोना वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं है। इन सबके बीच अलग-अलग देशों में शोधकर्ता वैक्सीन की खोज में जुटे हैं। दरअसल, इस वायरस के बारे में वैज्ञानिक ज्यादा जानकारी हासिल नहीं कर पाए हैं लेकिन एक बात जो सभी को मालूम है कि ये वायरस बहुत तेजी से फैलता है। वहीं, बेंगलुरु में एक मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च ने दावा किया है कि उसने एक गैजेट का प्रोटोटाइप तैयार किया है जो वायरस के संक्रमण को 'न्यूट्रलाइज' कर सकता है।
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टेस्टिंग के लिए अमेरिका भेजा गया
इस प्रोटोटाइप को यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, अमेरिका में टेस्टिंग के लिए भेजा गया है। इस संस्थान के चेयरमैन डॉ राजह विजय कुमार का कहना है कि जो गैजेट तैयार किया जा रहा है, वह घर, ऑफिस, कार, स्कूल.. हर जगह रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये डिवाइस पहले से संक्रमित रोगियों के लिए इलाज नहीं करेगा लेकिन वायरस को फैलने से रोक सकता है। उन्होंने कहा कि यदि आप संक्रमित शख्स के साथ कमरे में बैठे हैं तो ये गैजेट आपको उससे प्रभावित नहीं होने देगा।
ये डिवाइस एक न्यूट्रलाइजर की तरह काम करता है, दावा
डॉ राजह विजय कुमार ने दावा किया कि ये डिवाइस एक न्यूट्रलाइजर की तरह काम करता है। उदाहरण के लिए टेबल-कुर्सी पर अगर वायरस है तो उसके संपर्क में आने से प्रभावित नहीं होगा। इसके विज्ञान को समझाते हुए डॉ कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस एक स्पाइर बॉल की तरह है जिसमें कई स्पाइक्स हैं जिसे S-Protei कहा जाता है। इनके पास पॉजिटिव सेल्स होते हैं और इन्हें नेगेटिव की जरूरत होती है। जब किसी का शरीर वायरस के संपर्क में आता है तो ये शरीर में प्रवेश कर जाते हैं क्योंकि सेल्स में नेगेटिव पोटेंशियल होता है। ये डीएनए छोड़ने लगते हैं रेप्लिकेट करते लगते हैं और इस तरह से वायरस एक्टिव रहता है।
ये डिवाइस बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है, दावा
उन्होंने दावा किया कि ये डिवाइस बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है। ये वायरस आपके शरीर या अन्य के इलेक्ट्रॉनों के बीच अंतर नहीं जानते हैं। एक बार जब इलेक्ट्रॉनों रिलीज किए जाते हैं, तो वायरस सेल्स बेअसर हो जाती हैं। कोई भी संक्रमित व्यक्ति आता है - अगर वह कुछ छूता है, तो ये इलेक्ट्रॉन सभी वायरल इलेक्ट्रॉनों को बेअसर कर देंगे। उन्होंने दावा किया कि अगर आप इसे निगल चुके हो, तो यह प्रोटीन के एक टुकड़े के रूप में आपके पेट में चला जाता है, लेकिन नुकसान नहीं पहुंचाता।