AAI ने पुणे में मांगी 2.5 एकड़ जमीन, एयरपोर्ट-एयरलाइंस को Vaccine वितरण का हब बनाने की तैयारी
नई दिल्ली। Airport as vaccine hub: एयर अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) पुणे हवाई अड्डे से सटी 2.5 एकड़ जमीन को प्राप्त करने के लिए भारतीय वायु सेना से बातचीत के अंतिम चरण में है। इस जमीन का इस्तेमाल वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से आने वाली वैक्सीन के लिए परिवहन के तौर पर किया जाएगा। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'ये जमीन फिलहाल भारतीय वायु सेना के पास है, इसे पुणे हवाई अड्डे के साथ बदलने की एएआई लंबे समय से मांग कर रहा है। एएआई ने जमीन की अदला बदली के लिए कहा है और इसके लिए योजना को अंतिम रूप भी दिया है।'
अधिकारी ने कहा, 'एयरपोर्ट प्रबंधन लगातार सीरम इंस्टीट्यूट के साथ चर्चा कर रहा है ताकि आने वाली जरूरतों को समझा जा सके क्योंकि पुणे से वैक्सीन की बड़ी मात्रा आने की उम्मीद है।' पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन के डोज निर्मित करने की संख्या के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। जिसे ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका से भारत में उनकी वैक्सीन की जांच, निर्माण और वितरण का लाइसेंस दिया है। वहीं देश में टीकाकरण करने का समय भी अब निकट आ रहा है इसलिए एयरपोर्ट और कंपनी भी हर तरह की तैयारी सुनिश्चित कर लेना चाहती हैं, जिसमें कोल्ड चेन के लिए जगह को बढ़ाना और हवाई अड्डों से वैक्सीन का अधिक कुशलता से पुनर्वितरण करने के लिए कम्प्यूटरीकृत ट्रकिंग स्लॉट शामिल हैं।
Recommended Video
अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस बात की उम्मीद है कि देश में टीकाकरण अगले महीने से शुरू हो जाएगा। घरेलू स्तर पर निर्मित वैक्सीन वितरण के लिए पुणे ही मुख्य केंद्र होगा। यहां से वैक्सीन की खेप का बड़ा हिस्सा दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से आयात किया जाएगा। दिल्ली में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है, यहां प्रोजेक्ट संजीवनी लॉन्च किया गया है। जिसके तहत कार्गो टर्मिनल्स पर विशेष कूलिंग चैंबर्स की व्यवस्था की गई है। एयरपोर्ट में प्रितदिन दो पूर्ण रोटेशन में 54 लाख वैक्सीन रखने की क्षमता है।
भारत में सभी एयरपोर्ट पर वैक्सीन को लेकर जो तैयारी की जा रही हैं, वैसी ही तैयारी दुबई, दोहा, शेनजेन और सिंगापुर एयरपोर्ट पर भी हो रही हैं। इनमें से कई जगह तो वैक्सीन की खेप पहुंच भी गई हैं। आपको बता दें वैक्सीन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए उन्हें एक निश्चित तापमान पर रखना होता है। अगर उनके तापमान में किसी तरह की दिक्कत आती है तो वह खराब भी हो सकती हैं। ऐसे में सभी एयरपोर्ट पर इस तरह के कूल चैंबर की व्यवस्था की गई है ताकि वैक्सीन को वहां आसानी से रखा जा सके। साथ ही ट्रकों को भी कोई परेशानी ना हो और उन्हें आने जाने में अधिक समय ना लगे इसकी भी पूरी तैयारी है, ताकि वैक्सीन को रखने और वितरित करने में कोई समस्या ना आ सके।
Covid-19: अमेरिका में Pfizer के बाद अब Moderna Vaccine से भी एलर्जिक रिएक्शन