क्या कोरोना से बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है, ये आंकड़े आपकी गलतफहमी दूर कर देंगे
नई दिल्ली- अभी भी देश में कुछ लोगों में ये गलतफहमी है कि हम तो युवा हैं, हमें कोरोना वायरस संक्रमित नहीं कर सकता। ये कि ये बुजुर्गों को ही पहले संक्रमित करता है। लेकिन, महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों ने जो वहां के अब तक के कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों का जो पूरा विश्लेषण किया है, उससे भारत में भी ये बात साफ हो चुकी है ये बहुत बड़ी गलतफहमी है। कोरोना वायरस बुजुर्गों और युवाओं को बराबर ही अटैक करता है। दुनिया भर के मरीजों का विश्लेषण भी यही परिणाम बताता है। अलबत्ता ये बात जरूर सामने आ रही है कि अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों में महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले कम जरूर है।
ये आंकड़े आपकी गलतफहमी दूर कर देंगे
महाराष्ट्र में अब तक जितने लोगों को कोराना वायरस पॉजिटिव पाया गया है, उनमें से आधे लोग 31 से 50 आयु वर्ग के पाए गए हैं। गुरुवार को राज्य सरकार के मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से 122 मरीजों के डेटा के विश्लेषण से ये बात सामने आई है। राज्य सरकार के अधिकारियों का दावा है कि यह विश्लेषण दुनिया भर से मिल रहे ट्रेंड के मुताबिक ही है और इसमें कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। महाराष्ट्र के डायरेक्टोरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के हेड डॉक्टर टीपी लहाणे के मुताबिक, '30 से 50 आयु वर्ष के लोग वे होते हैं, जो काम के लिए विदेश जाते हैं और अभी तक महाराष्ट्र में कोविड-19 के जो मरीज सामने आ रहे हैं, उसमें भी इसी आयु वर्ग की तादाद सबसे ज्यादा है।' अलबत्ता ये बात जरूर है कि बुजुर्गावस्था में पहले से ही कई गंभीर बीमारियों की चपेट में होने की वजह से बुजुर्ग मरीजों का मृत्यु दर ज्यादा जरूर देखा जा रहा है।
31 से 50 साल के लोग सुपर स्प्रेडर साबित हो रहे हैं
इंडियन कॉलेज ऑफ फिजीसियंस के डीन डॉक्टर शशांक जोषी के मुताबिक हकीकत ये है कि दुनिया भर में 31 से 50 साल आयु वर्ग के लोग ही इस संक्रमण को बढ़ाने में सुपर स्प्रेडर साबित हुए हैं। उन्होंने कहा, 'वे संक्रमित होते हैं और उसे कम्युनिटी में फैला देते हैं। हमें वरिष्ठ नागरिकों पर ध्यान देना है, जिनमें मृत्यु दर ,सबसे ज्यादा है।' विश्लेषण में एक ये बात भी सामने आई है कि गुरुवार तक महाराष्ट्र में जितने भी केस सामने आए, उनमें 66 फीसदी लोग विदेशों से यात्रा करके लौटे हैं। इनमें से सबसे ज्यादा लोगों ने संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की है। उनके बाद अमेरिकी, सऊदी अरब और यूके का नंबर है। जबकि, 29 फीसदी लोग विदेशों से यात्रा कर लौटे ऐसे ही लोगों के संपर्क में आकर ही संक्रमित हुए हैं। एक जानकारी ये मिली है कि 40 लोगों का एक ग्रुप जिसने दुबई और अबू धावी में 6 दिन बताए उनमें से अब तक 15 लोग पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। 7 मामलों में ट्रैवल हिस्ट्री या कॉन्टैक्ट स्थापित नहीं हो पाया।
सिर्फ 31 फीसदी महिलाएं ही कोरोना पॉजिटिव
महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस तरह के पहले विश्लेषण से पता चला है कि कुल मरीजों में 16 की उम्र 60 साल से ज्यादा है, जिनमें 3 तो 70 साल से भी ज्यादा बुजुर्ग हैं। राज्य में पॉजिटिव केस में 10 की संख्या ऐसी है जिनकी उम्र 20 साल से भी कम है और दो तो 10 वर्ष से भी छोटे हैं। गौरतलब है कि गुरुवार तक मीडिया के आंकड़ों में राज्य में 130 पॉजिटिव केस सामने आ चुके थे, जिनमें से इससे हुई मौतों के कुछ मामले भी शामिल हैं। शुक्रवार सुबह तक मरीजों की संख्या में 5 का इजाफा हो चुका है। यही नहीं कोविड-19 (चाइनीज वायरस) से अब तक सबसे ज्यादा प्रभावित तीन देशों चीन, इटली और अमेरिका में सामने आए मरीजों की तादाद देखकर ये बात भी पुख्ता हो चुकी है कि इसने पुरुषों को अब तक ज्यादा चपेट में लिया है। महाराष्ट्र में भी अब तक सिर्फ 31 फीसदी महिलाएं ही पॉजिटिव पाई गई हैं।
संक्रमण के खतरनाक दौर से गुजर रहा है देश
हफ्ते-दर-हफ्ते कोरोना पॉजिटिव मामलों को देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि अब भारत भी इस संक्रमण के सबसे खतरनाक दौर में प्रवेश कर चुका है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक महामारी के आठवें हफ्ते में हम 600-700 के आसपास संख्या तक पहुंच चुके हैं और ये वह वक्त है, जब दूसरे देशों में मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ती दिखाई दी है। मुंबई में देश के मुकाबले अब तक सबसे ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं, इसकी वजह ये है कि यहां विदेशों से लौटे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि इसीलिए प्रदेश में टेस्टिंग की संख्या तेजी से बढ़ाई गई है और राज्य सरकार केंद्र के फैसले से भी पहले लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी।
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