क्या 'हर्ड इम्यूनिटी' से होगा कोरोना वायरस का खात्मा, जानिए इसके बारे में विस्तार से
नई दिल्ली । कोरोना संकट से जूझ रहे भारत में तमाम कोशिशों के बावजूद संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है, पिछले 24 घंटों के दौरान ही 9996 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं इस दौरान 357 लोगों की जान गई है, कोरोना वायरस के संक्रमण और इससे हुई मौतों का ये अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है, इन नए केसों के बाद कोरोना वायरस के मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 286579 हो गई है, इसके अलावा अभी तक 8102 की मौत कोरोना वायरस के कारण हो चुकी है।
जारी है दिल्ली में कोरोना का तांडव
तो वहीं राजधानी दिल्ली की हालत काफी खराब होती जा रही है, अस्पतालों में बेड को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, ऊपर से लॉकडाउन में ढील मिलने से मॉल और बाजार खोल दिए गए हैं, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है, दिल्ली में अबतक करीब 33 हजार कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं और 984 लोगों की मौत हो चुकी है, ऐसे में कुछ विशेषज्ञों ने अब दिल्ली में अब इस बीमारी से निपटने के लिए 'हर्ड इन्यूनिटी' का सहारा लेने की सलाह दी है, जिसके बाद हर किसी के मन में ये सवाल कौंध रहा है कि आखिर 'हर्ड इन्यूनिटी' क्या होती है, तो चलिए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
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क्या है हर्ड इन्यूनिटी?
दरअसल हर्ड का मतलब होता है 'झुंड' और 'हर्ड इन्यूनिटी' का अर्थ होता है 'सामूहिक रोग प्रतिरोधक', इसक मतलब ये हुआ कि यदि कोरोना वायरस को सीमित रूप से फैलने का मौका दिया जाए तो इससे सामाजिक स्तर पर एक रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी, जो कि कोरोना वायरस को खुद ब खुद कमजोर कर देगा।
'हर्ड इन्यूनिटी' पुरानी प्रक्रिया
'हर्ड इन्यूनिटी' मेडिकल साइंस का एक बहुत पुरानी प्रक्रिया है, जिसमें आबादी के एक तय हिस्से को किसी भी वायरस से संक्रमित कर दिया जाता है और एक बार बीमारी लगने के बाद एक ही व्यक्ति को दोबारा कभी वह बीमारी नहीं लगती, क्योंकि शरीर खुद ही उस बीमारी से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा तैयार कर लेता है।
क्या है इसके पीछे का तर्क
इसके पीछे वैज्ञानिकों का तर्क ये है कि इंसान के शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता होती है,जब बड़ी संख्या में लोगों वायरस से ग्रसित होंगे तो वो इसके इम्यून बन जाएंगे, इस रोग के विकसित होने से संक्रमण की श्रृंखला टूट जाएगी, शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इम्यूनाइजेशन या टीकाकरण का सहारा भी लिया जा सकता है, लेकिन 'हर्ड इन्यूनिटी' पर अभी भी विशेषज्ञों में मतभेद हैं, कुछ लोगों के लिए ये एक बड़ा रिस्क है इसलिए भारत में इसका सहारा लिया जाएगा, ऐसा कह पाना अभी संभव नहीं हैं।
देश में एक्टिव केस 137448 हैं...
मालूम हो कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना वायरस के आंकड़े जारी करते हुए बताया कि अभी तक देश के अलग-अलग राज्यों में 141029 मरीज ठीक हो चुके हैं, जिसके बाद देश में एक्टिव केस 137448 बचे हैं।
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