COVID-19: बिहार-हरियाणा समेत ये राज्य कोरोना टेस्टिंग में अभी भी बहुत पीछे, रफ्तार बढ़ाने की जरूरत
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है, बुधवार को 48 हजार से अधिक कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद भारत में सक्रमितों का आंकड़ा 15 लाख के पार पहुंच गया है। इस बीच दि इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कई राज्य अभी भी कोरोना वायरस की टेस्टिंग में तेजी नहीं ला रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश ने सोमवार को एक ही दिन में एक लाख से अधिक कोविड-19 परीक्षण किए लेकिन कई राज्य ऐसे हैं जो अभी भी अपनी टेस्टिंग की रफ्तार को बढ़ा की कोशिश कर रहे हैं। इनमें से कई राज्यों में कोरोना के एक्टिव केस 20000 से अधिक है लेकिन अभी भी वह प्रति दिन 15 हजार से भी कम टेस्ट कर रहे हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना, बिहार, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और मध्य प्रदेश ऐसे राज्यों में शामिल हैं जहा कोरोना के नए केसों में रोजाना पढ़ोतरी हो रही है। इस लिस्ट में गुजरात भी है जिसने कुछ अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। इन राज्यों में से तेलंगाना ने अभी चार लाख से कम परीक्षण किए हैं, जबकि बिहार और ओडिशा राज्यों में पांच लाख से भी कम टेस्टिंग की गई है। वहीं, हरियाणा में 6 लाख से भी कम टेस्टिंग हुई है और गुजरात में 7 लाख से भी कम टेस्ट किए गए हैं। मध्य प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल में से प्रत्येक ने लगभग आठ लाख परीक्षण हैं। छत्तीसगढ़ या झारखंड में भी टेस्टिंग की संख्या कम है लेकिन यहां कोरोना मामलों का दबाव कम है।
दूसरी ओर कई ऐसे राज्य भी है जिन्होंने कोरोना से लड़ाई में टेस्टिंग की रफ्तार को कई गुना तक बढ़ा दिया है। तमिलनाडु ने लगभग 25 लाख परीक्षण किए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र प्रत्येक 20 लाख टेस्ट के पास हैं। आंध्र प्रदेश और राजस्थान में 15 लाख से अधिक परीक्षण किए जा चुके हैं। इसके साथ ही अधिकांश राज्य लोगों में जल्दी से संक्रमण की जांच करने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट की तकनीक अपना रहे हैं लेकिन इनका उपयोग उत्तर प्रदेश के मामले में उतनी प्रभावी रूप से नहीं किया गया है जबकि यहां हर दिन लगभग 50,000 रैपिड टेस्ट किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर लगभग पांच लाख नमूनों का हर दिन परीक्षण किया जा रहा है।
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