कोरोना वायरस से बच्चों को किस हद तक है खतरा? नई रिसर्च में हुआ खुलासा
नई दिल्ली, 04 जुलाई। कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार तेजी से बढ़ रहा है। वहीं बच्चों पर कोरोना के खतरे को लेकर अभिभावक बहुत चिंतित हैं। बच्चों पर कोरोना के खतरे को लेकर एक नया शोध हुआ है। जिसके आधार पर बताया गया है कि बच्चे अगर कोरोना से प्रभावित होते हैं तो उन्हें किसी हद तक खतरा होता है। ये शोध अध्ययन किंग्स कॉलेज, लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है।
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जानें कोरोना वायरस से बच्चों को किस हद तक है खतरा?
किंग्स कॉलेज, लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा यूके में किया गया ये अध्ययन द लैंसेट चाइल्ड एंड अडोलेसेंट हेल्थ में मंगलवार को प्रकाशित हुआ है। इसके अनुसार, COVID-19 का लक्षण जिन बच्चों मे दिखा उनमें से अधिकांश बच्चे छह दिनों के बाद बेहतर हो जाते हैं और ऐसे बच्चों की संख्या बहुत कम हैं जिनमें चार सप्ताह से अधिक तक कोरोना का लक्षण नजर आता है।
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2,50,000 बच्चों पर किया गया ये शोध
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन; न्यूकैसल विश्वविद्यालय; और लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन शोधकर्ताओं ने एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा का उपयोग किया, जिसमें 5 वर्ष से 17 वर्ष की आयु के 2,50,000 से अधिक यूके के बच्चों की जानकारी शामिल है। टीम ने 1,734 बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया, जिनकी रिपोर्ट 1 सितंबर, 2020 और 22 फरवरी, 2021 के बीच एकत्र की गई थी।
बीमारी के दौरान बच्चों में दिखाई दिए ये आम लक्षण
अध्ययन में पाया गया कि ज्यादातर बच्चे औसतन छह दिनों तक बीमार रहे। सबसे आम लक्षण सिरदर्द (62.2%) और थकान (55%) थे। एक महीने के बाद जिन बच्चों में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए उनकी संख्या (4.4% या 1,734 में से 77) थी, अधिकांश बच्चे चार सप्ताह के भीतर ठीक हो गए। जिन लोगों को ठीक होने में एक महीने से अधिक समय लगा, उनमें बीमारी के पहले सप्ताह के दौरान छह लक्षण दिखाई दिए। बीमारी के पहले सप्ताह के दौरान इन बच्चों में औसत छह लक्षण थे। हालांकि, 28 दिनों के बाद, दो लक्षणों पर, औसत लक्षण बोझ कम था। इन 77 बच्चों द्वारा अपनी पूरी बीमारी के दौरान अनुभव किए जाने वाले सबसे आम लक्षण थकान, सिरदर्द, गंध की कमी और गले में खराश थे। हालांकि, बीमारी की शुरुआत में सिरदर्द अधिक आम था, जबकि गंध की भावना का नुकसान बाद में होता था और लंबे समय तक बना रहता था।
बड़े बच्चों को ठीक होने में थोड़ा अधिक समय लगा
अध्ययन अवधि समाप्त होने से कम से कम दो महीने पहले लक्षण विकसित करने वाले 1,379 बच्चों में से 2% से कम ने आठ सप्ताह (1.8%, 25/1,379) से अधिक समय तक लक्षण दिखाई दिए। कुल मिलाकर, बड़े बच्चों को ठीक होने में थोड़ा अधिक समय लगा - 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों में औसतन बीमारी की अवधि सात दिनों की होती है, जबकि 5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों में पांच दिन। बड़े बच्चों में भी छोटे बच्चों की तुलना में चार सप्ताह के बाद लक्षण होने की संभावना अधिक थी (12 से 17 वर्ष की आयु के 5.1% बच्चे बनाम 5 से 11 वर्ष की आयु के 3.1%), लेकिन उन बच्चों की संख्या में कोई अंतर नहीं था, जिनमें इसके बाद भी लक्षण थे।
शोधकर्ताओं ने उन बच्चों का भी आकलन किया जिन्होंने COVID-19 की निगेटिव रिपोर्ट आई और जिन्हें बचपन की अन्य बीमारियाँ हो सकती हैं, जैसे कि सर्दी और फ्लू, और पाया कि COVID-19 वाले बच्चे अन्य बीमारियों वाले बच्चों की तुलना में अधिक समय तक बीमार थे। छह दिन कोविड -19 के साथ बीमारी बनाम अन्य बीमारियों के साथ तीन दिन -और चार सप्ताह से अधिक समय तक बीमार रहने की संभावना थी। हालांकि, चार हफ्तों में, अन्य बीमारियों वाले बच्चों की कम संख्या में उन लोगों की तुलना में अधिक लक्षण पाए गए जो COVID-19 से बीमार थे। एक वरिष्ठ लेखक डॉ माइकल एब्सौड ने कहा"हमारा डेटा इस बात पर प्रकाश डालता है कि सर्दी और फ्लू जैसी अन्य बीमारियों के भी बच्चों में लंबे समय तक लक्षण हो सकते हैं और महामारी के दौरान और उसके बाद बाल चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं की योजना बनाते समय इस पर विचार करना महत्वपूर्ण है।