COVID-19: अमेरिका में कोरोना से हो सकती है 80,000 से अधिक की मौत?
नई दिल्ली। जानलेवा कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के मामले में टॉप पर पहुंचे चुके अमेरिका में आने वाले समय में 80000 मरीजों की मौत की आशंका जताई जा रही है। अमेरिका में अब तक करीब 104,256 संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो चुकी है और वहां अब तक 1700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
गौरतलब है वर्तमान में सबसे अधिक कोरोनो वायरस के मामले अभी अमेरिका में हैं। अमेरिका ने महज 2 दिन में सर्वाधिक कोरोना प्रभावित चीन के बाद अब इटली को भी पीछे छोड़ चुकी है। हालांकि एकतरफ जहां अमेरिकी स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने अमेरिका में डेथ टोल बढ़ने की चेतावनी दी है। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने जारी नए आंकड़े के लिए परीक्षण को दोषी ठहराया है।
गत शुक्रवार तक लग रहा था कि इटली चीन के 81,000 से अधिक संक्रमण आंकड़ों को पार कर जाएगा, क्योंकि तब इटली में संक्रमित मरीजों की संख्या 80589 थी, लेकिन इटली को पछाड़ते हुए अचानक अमेरिका टॉप पर पहुंच गया। अमेरिका, इटली और चीन में अब दुनिया के 540,000 कोरोना संक्रमित मरीज हैं, जो पूरी दुनिया में संक्रमित मरीजों का लगभग आधा है।
हालांकि कोरोना वायरस से हुई मौत के आंकड़ों में अमेरिका अभी चीन और इटली दोनों से काफी पीछे हैं। इटली में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है, जहां अब तक कुल 9,134 मरीजों की मौत हुई है जबकि चीन में 3295 मरीजों की मौत की पुष्टि की गई है।
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अमेरिका में बढ़ते संक्रमण के मामले को देखते हुए अमेरिकी रोग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल के बावजूद अमेरिका का डेथ टोल निकट भविष्य में 80,000 से ऊपर पहुंच सकता है। कुछ ऐसी ही भविष्यवाणी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसी सप्ताह थी। WHO के मुताबिक अमेरिका के यूरोप से आगे निकलने की संभावना है और वह कोरोना का अगला केंद्र हो सकता है।
वैसे, गुरुवार को जारी गंभीर आंकड़ों के बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि चीन द्वारा जारी किए गए डेटा पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, जिसमें चीन ने हाल के दिनों में जीरो घरेलू संक्रमणों का दावा किया है। ट्रंप का कहना है कि अमेरिका में मामलों उछाल के पीछे परीक्षण की उच्च दर थी।
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राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित न्यूयार्क के गर्वनर एंड्रयू कुओमो पर आरोप लगाया है कि वो वेंटिलेटर की जरूरत को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं, जिसमें कोरोनो वायरस के गंभीर मरीजों की हालत को स्थिर रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मालूम हो, गत बुधवार और गुरुवार के बीच अकेले न्यूयॉर्क शहर में 170 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
फिलहाल, अमेरिका के शीर्ष रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथोनी फौसी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस योजना पर ठंडा पानी उडे़ल दिया है, जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा करते हुए कहा था कि अमेरिका 12 अप्रैल तक व्यापार के लिए वापस खुल सकता है।
बकौल एंथोनी फुकई, मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप लोगों को कुछ उम्मीद देने की कोशिश कर रहे हैं। सीएनएन के मुताबिक 'फुकुई वही हैं, जिन्हें ट्रम्प के विरोध के बाद कोरोनो वायरस प्रेस ब्रीफिंग से संक्षिप्त रूप से हटा दिया गया था।
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उल्लेखनीय है अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमितों में आई तेजी में सर्वाधिक योगदान न्यूयार्क का रहा है, जहां गुरूवार को कुल 177 की मौत हुई, जिससे वहां मरने वाली की संख्या 365 पहुंच चुकी है। गुरूवार देर रात के आंकड़ों के मुताबिक न्यूयार्क में कोरोना संक्रमित मामलों के अतिरिक्त 1239 की पुष्टि हुई और अमेरिका मे संक्रमित मरीजों की संख्या 39,140 पहुंच गई है।
दरअसल, न्यूयार्क राज्य कोरोना वायरस के लिए अमेरिका के उपकेंद्र के रूप में उभरा है। इसके अलावा वाशिंगटन, कैलिफोर्निया, इलिनोइस, मिशिगन, मैसाचुसेट्स, न्यू जर्सी, पेंसिल्वेनिया, जॉर्जिया, फ्लोरिडा, लुइसियाना और टेक्सास में अब तक 1,500 से अधिक मामले हैं। यह आंकड़ा चीन हुबेई प्रांत के अलावा चीनी के दूसरे क्षेत्र से अधिक है।
वैज्ञानिक फुकई के मुताबिक चीनी अधिकारियों के ड्रैकियन लॉकडाउन ने हूबेई को बीमारी को सीमित करते हुए, प्रकोप के दौरान संक्रमित क्षेत्रों को लगभग एक-दूसरे से काट दिया। यह अमेरिका में नहीं हुआ है, जिससे संक्रमण और अधिक फैल सकता है और अमेरिका में डेथ टोल 80, 000 से ऊपर पहुंच सकता है।
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