स्वदेशी कोवैक्सीन इमरजेंसी यूज की लिस्ट में जल्द हो सकती है शामिल, WHO ने भारत बायोटेक से मांगी और जानकारी
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर। भारत में तैयार की गई स्वदेशी कोविड वैक्सीन को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने के लिए डब्लूएचओ की शीघ्र मंजूरी मिल सकती है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन इमरजेंसी इस्तेमाल करने वाली लिस्ट में शामिल करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन 26 अक्टूबर को एक विशेष बैठक आयोजित कर रहा है। डब्लूएचओ कोवैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बॉयोटक से इससे संबंधित और जानकारी मांगी है।
डब्लूएचओ ने बताया कि भारत बायोटेक लगातार डब्ल्यूएचओ को डेटा सबमिट कर रही है और WHO के विशेषज्ञों ने इस डेटा की समीक्षा की है। स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि हम आज कंपनी से कुछ और अतिरिक्त जानकारी चाहते हैं जिसकी हम उम्मीद कर रहे हैं।
डब्लूएचओ के चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने ट्वीट करते हुए ये जानकारी दी कि
विश्व स्वास्थ्य संगठन का तकनीकी सलाहकार समूह भारत में कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल किए जा रहे कोवैक्सीन टीके को आपात इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने के मकसद से 26 अक्टूबर को बैठक करेगा!
भारत में कोरोना वैक्सीनेशन धीमा है, दो डोज के बीच का अधिक अंतर क्या बन रहा कारण
इस ट्वीट के बाद माना जा रहा है कि भारत में निर्मित कोवैक्सीन को लेकर 26 अक्टूबर को बड़ा फैसला हो सकता है। लंबे समय से स्वदेशी कोवैक्सीन को डब्लूएचओ के इस फैसले का इंतजार हैभारत बायोटेक ने अपने बयान में कहा था कि कोवैक्सीन को इमरजेंसी में प्रयोग करने के उद्देश्य से सूची में शामिल करने के लिए डब्ल्यूएचओ को कोवैक्सीन से जुड़े हमने सभी आंकड़े दे दिए और अब डब्लूएचओ की मंजूरी का इंतजार है।
भारत वैक्सीन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। सभी भारतीय नागरिकों को वैक्सीन लग सके इसलिए वैक्सीन का दूसरे देशों में निर्यात सस्पेंड कर दिया था। लेकिन सितंबर माह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया नेभारत विदेशों में टीके की आपूर्ति बहाल करेगा इस बात की घोषणा की थी।कोवैक्सीन का निर्माण करने वाली कंपनी 'भारत बायोटेक' ने कोवैक्सीन को 19 अप्रैल को डब्लूएओ के ईओआई (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट)को सौपा था। ट्वीट में बताया कि,
डब्ल्यूएचओ दस्तावेजों को पूरा करने के लिए भारत बायोटेक के साथ मिलकर काम कर रहा है। हमारा लक्ष्य आपात इस्तेमाल के लिए स्वीकृत टीकों का एक व्यापक पोर्टफोलिया रखना और सब जगहों की आबादी तक इसकी पहुंच का विस्तार करना है।