क्रिकेट एसोसिएशन घोटाला: ED की पूछताछ के बाद बोले फारुख अब्दुल्ला-इससे मैं चिंतित नहीं हूं
श्रीनगर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) के कोष में कथित गबन से संबंधित धन शोधन के एक मामले में सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ की है। ईडी की पूछताछ के बाद बोले फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, कई सालों से पूछताछ जारी है। मैं कुछ नहीं कहूंगा। ईडी के मुताबिक, फारूक 2002 से 2011 तक जेकेसीए के अध्यक्ष थे। इस दौरान बीसीसीआई की ओर से कश्मीर में क्रिकेट के प्रोमोशन के लिए जारी फंड में से 43 करोड़ रुपए निकाल लिए गए थे।
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में 43 करोड़ की अनियमितता के आरोप में ईडी की पूछताछ के बाद बोले फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, कई सालों से पूछताछ जारी है,इसमें कुछ नई बात नहीं है। मैं कुछ नहीं कहूंगा। कोर्ट फैसला करेगा कि क्या करना चाहिए, मैं पूछताछ से चिंतित नहीं हूं। वहीं फारूक के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा- मेरे पिता के घर पर कोई छापेमारी नहीं की गई है। उन्हें ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है। यह कुछ और नहीं बल्कि राजनीतिक बदले की कार्रवाई है।
दरअसल 2002 से 2011 के बीच जेकेसीए को खेलों में बढ़ावा देने के लिए बीसीसीआई की तरफ से मिलने वाले ग्रांट से 43 करोड़ रुपये के कथित गबन का मामला सामने आया था। इस मामले में सीबीआई ने अब्दुल्ला और अन्य के खिलाफ एफआईआर और चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई के अनुसार, फारूक अब्दुल्ला के जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए पैसों का गबन हुआ था। ईडी ने सीबीआई की इसी एफआईआर और चार्जशीट को ध्यान में रखते हुए धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
ईडी ने फरवरी में बताया था कि इस मामले में अब तक 2.6 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत जेकेसीए के पूर्व ट्रैजरर अहसान अहमद मिर्जा और फाइनेंस कमेटी के अध्यक्ष मीर मंसूर गजनफर की संपत्तियां जब्त की गईं थीं। प्रवर्तन निदेशालय ने मामले को राज्य पुलिस से 2015 में जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की एक खंडपीठ के आदेश पर अपने हाथ में लिया था।
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