कोर्ट ने दिया घूस के रुपयों पर आयकर चुकाने का आदेश
रांची। झारखंड़ मुक्ति मोर्चा ने करीब 21 साल पहले पीवी नरसिम्हा राव की सरकार को बचाने के लिए सांसदों को 1.76 करोड़ रुपए क घूस दी थी। हाई कोर्ट ने आयकर विभाग की उस अपील पर सुनवाई करते हुए झामुमो को घूस की राशि पर टैक्स अदा करने को कहा है। जिसमें आयकर विभाग ने घूस की राशि पर टैक्स अदा करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
गौरतलब है कि सांसदों को घूस देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन सांसदों को आरोपो से बरी कर दिया था। हाईकोर्ट ने आयकर विभाग के हक में फैसला सुनाते हुए कहा कि शिबू सोरेन, सूरज मंडल, साइमन मरांडी और शैलेंद्र महतो को मिली रिश्वत अघोषित आय थी। इस पर टैक्स बनता है। विभाग की दलील को हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना व वी. कामेश्वर राव की बेंच ने सही माना और उन्हें इस राशि पर टैक्स देने को कहा है।
गौरतलब है कि जुलाई 1993 में तत्कालीन नरसिम्हा सरकार को अविश्वास प्रस्ताव से बचाने के लिए झामुमों के चार सांसदों को रिश्वत देकर सरकार को बचाया था। लेकिन राव सरकार जाने के साथ ही सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके इसकी जांच करनी शुरु कर दी। जांच में सांसदों की खरीद-फरोख्त के लिए नरसिम्हा राव, बूटा सिंह, सतीश शर्मा और शिबू सोरेन समेत कुल 20 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी। लेकिन बाद में 1998 में सुप्रीम कोर्ट ने नौ सांसदों के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी। बाद में कोर्ट ने सिर्फ राव व बूटा सिंह को दोषी करार दिया लेकिन इन्हें भी 2002 में बरी कर दिया गया।