शाहजहांपुर कोर्ट ने चिन्मयानंद और पीड़िता की जमानत याचिका खारिज की
लखनऊ। शाहजहांपुर लॉ स्टूडेंट केस में जिला कोर्ट ने चिन्मयानंद और छात्रा दोनों की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। दोनों के वकीलों ने तमाम दस्तावेजों को पेश किया लेकिन फिर भी जज ने इसे खारिज कर दिया। बता दें कि कानून की पढ़ाई कर रही छात्रा ने चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए हैं। इस मामले में जिला सत्र न्यायालय के शासकीय अधिवक्ता अनुज कुमार सिंह ने कहा कि सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायालय में चिन्मयानंद की जमानत की अर्जी पर सुनवाई हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़ित छात्रा के अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने यह तर्क भी सामने रखा कि स्वामी चिन्मयानंद जब निर्वस्त्र होकर पीड़िता से मालिश करवाते थे और इस दौरान जब पीड़िता इसका विरोध करती थी तब उसके साथ बल प्रयोग किया जाता था. त्रिवेदी ने बताया कि ऐसे में जहां पर बल प्रयोग किया जाता है उस मामले में धारा 376 ही लगायी जाती है ना कि 376 (सी) लगायी जाती है।
त्रिवेदी ने बताया रंगदारी का जो वीडियो पहले वायरल किया गया था उसके दो हिस्से बनाये गए हैं। पहले हिस्से को वायरल कर दिया गया और उसी वीडियो का दूसरा हिस्सा 26 सितंबर को वायरल किया गया और इस वीडियो में छेड़छाड़ (टेंपरिंग) की गयी है। वहीं, चिन्मयानंद केस में अनुमति न मिलने के बाद भी छात्रा के पक्ष में 'न्याय यात्रा' निकालने पर अड़े कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को उनकी कोठी से बाहर ही नहीं निकलने दिया गया लेकिन प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी या नजरबंदी से इंकार किया है।
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