CBI vs CBI: राकेश अस्थाना को बड़ा झटका, पढ़िए हाईकोर्ट के फैसले की 5 बड़ी बातें
नई दिल्ली। रिश्वत लेने के मामले में जांच का सामना कर रहे सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत नहीं दी है। छुट्टी पर भेजे गए राकेश अस्थाना ने अदालत में अर्जी देकर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर कैंसिल करने और गिरफ्तारी से बचने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा था। अदालत के आदेश की पांच बड़ी बातें-
10 हफ्ते में पूरी करनी होगी जांच
- दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच जारी रहेगी। हाई कोर्ट ने सीबीआई को कहा है कि अस्थाना के खिलाफ चल रही जांच 10 हफ्ते में जांच पूरी की जाए।
- अदालत ने कहा, इसमें कोई शक नहीं कि एक बड़े अफसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना उसके लिए बहुत चिंता और तनाव का कारण होगा।
- राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर में लगाए गए आरोप जांच का विषय है, इनकी जांच होनी चाहिए। हालांकि यह महत्वपूर्ण है कि कानून दोषी साबित होने तक किसी को भी निर्दोष मानता है।
- दिल्ली उच्च न्यायालय ने राकेश अस्थाना को अंतरिम संरक्षण देने से इनकार किया। कोर्ट ने सीबीआई से दो हफ्ते तक यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा।
- सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ भी कोर्ट ने जांच जारी रखने को कहा है। देवेंद्र कुमार ने भी अपने खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की हाई कोर्ट से अपील की थी।
तथास्थिति बनाए रखे सीबीआई
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राकेश पर पांच करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप
सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायरक कर घूसखोरी का केस रद्द कर उनके खिलाफ दायर एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। जस्टिस नाजमी वजीरी ने 20 दिसंबर 2018 को कई याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सीबीआई में नंबर दो के अफसर राकेश अस्थाना मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच कर रहे थे। हैदराबाद के सतीश बाबू सना ने सीबीआई चीफ को भेजी शिकायत में कहा कि अस्थाना ने इस मामले में क्लीन चिट देने के लिए पांच करोड़ मांगे थे।मामले में अस्थाना और सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
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