क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

लाल चींटियों के पास है Coronavirus का इलाज? इनसे बनी चटनी की जांच करेगा आयुष मंत्रालय

Google Oneindia News

नई दिल्ली। Coronavirus, Treatment: कोरोना वायरस के खिलाफ देश और दुनियाभर के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं, हालांकि कुछ देश इसमें सफल भी हुए हैं, लेकिन 100 फीसदी इलाज की गारंटी का दावा किसी भी वैक्सीन को लेकर नहीं किया जा सकता। इस बीच भारत के एक हिस्से में खाए जाने वाली पारंपरिक चटनी से कोरोना वायरस के इलाज का दावा किया जा रहा है। बता दें, उड़ीसा (Orissa) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जनजातीय इलाकों (Tribal Areas) में लाल चींटियों (Red Ants) की चटनी खाई जाती है, अब इसका इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज में भी किया जा सकता है।

Recommended Video

Coronavirus: लाल चींटियों की चटनी से होगा Corona का इलाज? HC ने पता लगाने को कहा | वनइंडिया हिंदी
लाल चींटियों से बनी चटनी से होगा कोरोना का इलाज?

लाल चींटियों से बनी चटनी से होगा कोरोना का इलाज?

दरअसल, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के जनजातीय इलाकों में लाल चींटियों से बनी चटनी (Red Ants Chutney) को बड़े चाव से खाया जाता है। अब इस चटनी को कोरोना वायरस के इलाज में भी कारगर माना जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) चींटियों से बनी चटनी को कोरोना वायरस की दवा के रूप में इस्तेमाल करने की मंजूरी दे सकता है। गत गुरुवार उड़ीसा हाईकोर्ट ने आयुष मंत्रालय को इस संबंध में जल्द से जल्द जांच करने और फैसला लेने के लिए तीन महीने का समय दिया है।

इन बीमारियों में किया जाता है सेवन

इन बीमारियों में किया जाता है सेवन

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में जनजातीय लोग लाल चींटी की चटनी का सेवन करते हैं। इन चींटियों का उपयोग सूप के तौर पर फ्लू, खांसी, सामान्य सर्दी, सांस लेने में कठिनाई, थकान और अन्य बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता है। चटनी मुख्य रूप से लाल चींटियों और हरी मिर्च के मिश्रण से बनी होती है। उड़ीसा हाईकोर्ट में दायर की गई एक जनहित याचिका में इस चटनी को कोरोना वायरस के इलाज के तौर पर इस्तेमाल करने की मांग की गई थी। जिस पर कोर्ट ने आयुष मंत्रालय को निर्देश जारी किया है।

हाई कोर्ट ने दिया पता लगाने का निर्देश

हाई कोर्ट ने दिया पता लगाने का निर्देश

हाई कोर्ट में यह याचिका एक बारीपाड़ा के निवासी इंजीनियर नयाधर पढियाल (Nayadhar Padhial) ने दायर की थी। कोर्ट ने आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) और CSIR (Council of Scientific and Industrial Research) के डायरेक्टर जनरलों को निर्देश दिया है कि वह तीन महीनों में लाल चींटी की चटनी के गुणों का पता लगाएं और इसके इस्तेमाल के प्रस्ताव पर फैसला लें।

चटनी में होते हैं ये गुण

चटनी में होते हैं ये गुण

पढियाल ने लाल चींटियों से बनी चटनी के इस्तेमाल को लेकर 23 जून को CSIR और 7 जुलाई को आयुष मंत्रालय के पास भी अपना प्रस्ताव भेजा था। याचिका में कहा गया था कि इस चटनी में औषधीय गुण हैं, इसमे मौजूद ऐंटी बैक्टीरियल गुण पाचन तंत्र में किसी तरह के इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा चटनी में आयरन, फार्मिक एसिड, प्रोटीन, कैल्शियम और जिंक होता है जो मानव शरीर में इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करता है। इस चटनी का सेवन आदिवासी कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के तौर पर करते हैं।

यह भी पढ़ें: Covid-19 Vaccine: भारत बायोटेक की वैक्सीन पर चर्चा करेगी एक्सपर्ट कमेटी, क्या मिलेगी मंजूरी?

Comments
English summary
Coronavirus will be treated with red ants Chutney Ministry of AYUSH will find properties
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X