कोरोना वायरस: महाराष्ट्र में संक्रमण के ज़्यादा मामले क्यों?
भारत में महाराष्ट्र कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है. अभी तक महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के कुल 130 मामले सामने आए हैं और चार मौतें हो चुकी हैं. केरल के बाद महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले हैं. केरल में संक्रमण के 137 मामले आए हैं. वहीं, मुंबई देश के अन्य शहरों के मुक़ाबले सबसे ज़्यादा प्रभावित है.
भारत में महाराष्ट्र कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है.
अभी तक महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के कुल 130 मामले सामने आए हैं और चार मौतें हो चुकी हैं.
केरल के बाद महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले हैं. केरल में संक्रमण के 137 मामले आए हैं.
वहीं, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई देश के अन्य शहरों के मुक़ाबले सबसे ज़्यादा प्रभावित है.
यहां संक्रमण के 49 मामले आ चुके हैं और तीन लोगों की मौत हो चुकी है. एक मौत नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली में हुई है.
किस जगह पर संक्रमण के कितने मामले
पिंपड़ी छिंदवाड़ा नगर निगम - 12
पुणे नगर निगम - 18
मुंबई - 49
सांगली - 9
नवी मुंबई - 6
कल्याण-डोंबिवली - 6
नागपुर - 9
यवतमाल - 4
अहमदनगर - 3
थाणे - 3
सतारा - 2
पनवेल – 2
गोंडिया - 1
उल्हासनगर, औरंगाबाद, वसई-विरार – 1 (प्रत्येक)
रतनागिरी, पुणे-ग्रामीण, सिंदगुदुर्ग – 1 (प्रत्येक)
हाल ही में महाराष्ट्र के एक झुग्गी बस्ती वाले इलाक़े में एक महिला के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. इससे सघन आबादी वाले इलाक़े में संक्रमण फैलने की आशंका भी बनी हुई है.
महाराष्ट्र सरकार ने उठाए ये क़दम
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का पहल मामला 9 मार्च 2020 को पुणे से आया था. तब दुबई से लौटे एक दंपती संक्रमित पाए गए थे. इसके अगले दिन तीन और लोग संक्रमित पाए गए थे जो इस दंपती के संपर्क में आए थे.
महाराष्ट्र में विदेश से लौटे लोगों में संक्रमण के काफ़ी मामले हैं. राज्य में कोरोना वायरस के कारण पहली मौत 17 मार्च को हुई थी. 64 साल के इस शख़्स की कस्तूरबा गांधी अस्पताल में मौत हो गई थी. राज्य में हर रोज संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं.
महाराष्ट्र में बढ़ते मामलों को देखते हुए 23 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी. लेकिन, जब इसके बाद भी लोगों की आवाजाही जारी रही तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पूरे महाराष्ट्र में कर्फ़्यू लगा दिया.
उद्धव ठाकरे ने कर्फ़्यू की घोषणा करते हुए कहा था, "लॉकडाउन के बावजूद लोगों को सड़कों पर निकलते हुए देखा गया. हाइवे पर चलते हुए देखा गया. जनता कर्फ़्यू का एक दिन पालन करने से हमारी ज़िम्मेदारियां ख़त्म नहीं हो जाती हैं. बल्कि ये उस युद्ध के लिए रणभेरी जैसा है जो हम लड़ने जा रहे हैं."
उन्होंने कहा था कि राज्य में अभी भी ऐसे कई इलाक़े हैं जहां पर ये वायरस अभी तक नहीं पहुंचा है. हम ये चाहते हैं कि ये इलाके आगे भी महफूज़ रहें.
इसके साथ ही सरकार ने कुछ और क़दम भी उठाए हैं. मसलन:
1. प्रदेश में ट्रेन, निजी बसें और एसटी बसें बंद रहेंगी.
2. सिटी बसें सिर्फ आवश्यक क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों और मज़दूरों के लिए चलेंगी.
3. खाने-पीने की चीज़ें, सब्जियां. दवाएं और ज़रूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी.
4. ज़रूरी सामानों की दुकानें, किराना स्टोर और मेडिकल स्टोर 24 घंटे खुले रहेंगे. लेकिन, उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का पूरी तरह ध्यान रखना होगा.
5. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने निजी डॉक्टर्स को अपने क्लीनिक खुले रखने की अपील की है ताकि लोग अन्य बीमारियों का इलाज करा सकें.
6. महाराष्ट्र सरकार ने प्रभावित ज़िलों के लिए 45 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
7. बैंक और दूसरे आर्थिक संस्थान खुले रहेंगे.
8. सरकारी दफ़्तरों में सिर्फ़ पांच फ़ीसदी कर्मचारी ही रहेंगे.
9. कोरोना वायरस की टेस्टिंग और इलाज के लिए सेंटरों की संख्या बढ़ाई गई है.
महाराष्ट्र में ज़्यादा मामलों की वजह
कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत से ही महाराष्ट्र में ज़्यादा मामले देखे गए हैं. मुंबई सबसे ज़्यादा मामलों वाले शहरों में से एक है.
बीबीसी मराठी संवाददाता मयूरेश कण्णूर महाराष्ट्र में संक्रमण के ज़्यादा मामले होने के पीछे दो-तीन वजहें बताते हैं.
मयूरेश कण्णूर कहते हैं, “भारत में जब संक्रमण का पहला स्टेज चल रहा था तब कुछ असावधानियां ज़रूर हुई हैं. उस वक़्त बाहर से आने वाले सभी लोगों की सख्ती से स्क्रीनिंग नहीं की गई जिससे वो भारत पहुंचकर लोगों से मिलने-जुलने लगे. उस वक़्त तक लोगों ने भी इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया और खुद को क्वरंटीन करने पर ध्यान नहीं दिया.”
“दूसरा कारण ये है कि महाराष्ट्र में विदेश जाने वालों वालों की संख्या काफ़ी ज़्यादा है. लोग यहां से बड़ी संख्या में दुबई भी घूमने जाते हैं. फिर मुंबई की बात करें तो ये बहुत सघन इलाक़ा है. यहां जनसंख्या ज़्यादा है और जगह कम. इसलिए कोई भी संक्रमण तेज़ी से फैल सकता है.”
मयूरेश बताते हैं कि मौजूदा हालातों की बात करें तो सरकार की तरफ़ से सख़्ती बरती गई है लेकिन अब भी लोग शाम को टहलने निकल जाते हैं. पहले के मुक़ाबले संख्या कम है लेकिन लोग अपनी सोसाइटी और मोहल्ले में बाहर निकल रहे हैं.
उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी चेतावनी दी है कि लोग कर्फ़्यू के दौरान नियमों का पालन करें वरना उन्हें सज़ा हो सकती है. पुलिस और आम लोग दोनों को आत्म संयम और आत्म अनुशासन से काम करना होगा.
अजीत पवार ने कहा, “अमरीका में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए सेना का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उस स्थिति तक ना पहुंचे.”
देश भर में कोरोना वायरस के कुल 724 मामले आ चुके हैं. इनमें से 66 लोग ठीक हो गए हैं और 17 मौतें हो चुकी हैं.
27 मार्च सुबह तक भारत में 26,798 लोगों की जांच की जा चुकी है.
दुनिया भर में पांच लाख से ज़्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और मरने वालों की संख्या 23,000 के पार हो चुकी है.