तो इसलिए भारत में हो रही है 'कोवैक्सिन' की कमी, सरकारी वैक्सीन पैनल के प्रमुख ने बताई ये वजह
तो इसलिए भारत में हो रही है 'कोवैक्सिन' की कमी, सरकारी वैक्सीन पैनल के प्रमुख ने बताई ये वजह
नई दिल्ली, 03 अगस्त: भारत सरकार सभी वयस्कों को कोरोना वायरस वैक्सीनेट का लक्ष्य जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है। इस बीच भारत में कोविड-19 वैक्सीन की 'कोवैक्सिन' की कमी की बात सामने आ रही है। भारत बायोटेक के कोवैक्सिन की आपूर्ति को लेकर सरकारी वैक्सीन पैनल के प्रमुख और कोविड टास्क फोर्स के सदस्य एनके अरोड़ा ने कहा है कि भारत बायोटेक के कोवैक्सिन की आपूर्ति इसलिए धीमी कर दी गई है क्योंकि बेंगलुरु में कंपनी के नए प्लांट के पहले कुछ बैच में क्वालिटी (गुणवत्ता) की दिक्कत थी।
एनके अरोड़ा ने स्वीकार किया कि सरकार को इस बात की उम्मीद थी कि कोवैक्सिन के उत्दान में तेजी से बढ़ोतरी होगी लेकिन कंपनी के विश्व स्तर के सबसे बड़े प्लांट में क्वालिटी को लेकर कुछ परेशानियां हुई हैं, जिसको लेकर वैक्सीनेशन की उम्मीदों को झटका लगा है।
एनके अरोड़ा ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, ''वैक्सीन निर्माण लगभग एक रॉकेट साइंस की तरह है। हम कोवैक्सिन के उत्पादन में बहुत तेज वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। इसलिए हमने बेंगलुरु में एक नया प्लांट शुरू किया है, इसके अलावा तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भी इसमें लगे हुए हैं, जो कुल उत्पादन को बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इसलिए हम भारत बायोटेक से 10 से 12 करोड़ टीकों की खुराक की उम्मीद कर रहे हैं।''
एनके अरोड़ा ने कहा कि बेंगलुरू प्लांट ग्लोबली सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माण प्लांट में से एक था। लेकिन शुरुआती कुछ बैच हमारी गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे थे। वो बैच सही गुणवत्ता के नहीं थे। हालांकि अब तीसरा और चौथा बैच भी आ गया है। इसलिए हमें पूरी उम्मीद है कि अगले चार या छह हफ्तों में भारत बायोटेक से वैक्सीन का उत्पादन असल में बढ़ जाएगा।