Coronavirus vaccine update: चीन की वैक्सीन सुरक्षित, रूस में नवंबर तक आएगा ट्रायल रिजल्ट
नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस (कोविड-19) लोगों के लिए अब भी खतरा बना हुआ है। इसके खातमे के लिए बहुत से देशों में वैक्सीन को लेकर काम चल रहा है। चीन की सिवोनिक वैक्सीन अपने ब्राजील में हुए लेट स्टेज ट्रायल में सुरक्षित पाई गई है। क्लिनिकल परीक्षण करने वाले ब्राजील के संस्थान ने इसकी घोषणा की है। ब्राजील के प्रमुख बायोमेडिकल रिसर्च सेंटरों में से एक साओ पाउलो बुटानन इंस्टीट्यूट ने कहा है कि तीसरे फेज के ट्रायल में 9000 वॉलंटीयर्स को शामिल किया गया और इसकी दो डोज दी गईं। जिसमें वैक्सीन से सकारात्मक नतीजे मिले हैं।
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इंस्टीट्यूट के अधिकारियों ने कहा कि वैक्सीन से कोई गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं मिली है। 20 फीसदी वॉलंटीयर्स ने इंजेक्शन से हल्के दर्द की बात कही है, जबकि 15 फीसदी ने पहली खुराक के बाद सिरदर्द के बारे में बताया। दूसरी डोज के बाद ये संख्या कम होकर 10 फीसदी हो गई। 5 फीसदी से कम ने मतली या थकान की बात कही और कुछ लोगों ने मांसपेशियों में दर्द बताया।
वहीं रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक वी के लेट-स्टेज ट्रायल के प्रारंभिक नतीजे नवंबर तक शेयर किए जाएंगे। इसमें 5 से 10 हजार वॉलंटीयर्स को शामिल किया गया था। अभी ये वैक्सीन अपने तीसरे चरण के ट्रायल में है। वैक्सीन विकसित करने वाले गामालेया संस्थान के निदेशक डेनिस लोगुनोव ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। सितंबर की शुरुआत से 40,000 वॉलंटीयर्स पर स्पूतनिक वी का परीक्षण मास्को में चल रहा है।
वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के अनुसार, मॉडर्ना के सीईओ ने कहा है कि उन्हें कंपनी की कोरोना वायरस वैक्सीन के नतीजे नवंबर तक आने की उम्मीद है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर वैक्सीन के परिणाम सकारात्मक रहते हैं कि कंपनी दिसंबर के शुरू में कोविड-19 एंटीडोट के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अमेरिकी सरकार से मंजूरी ले सकती है। रिपोर्ट ने मॉडर्ना सीईओ स्टीफन बैंसल के हवाले से कहा है, 'पहला मूल्यांकन नवंबर में होने की संभावना है, लेकिन किस हफ्ते में होगा यह वास्तव में बता पाना मुश्किल है क्योंकि यह मामलों पर निर्भर करता है, कि कितने लोग बीमार हो रहे हैं।'
इसके साथ ही ब्रिटेन में भी वैक्सीन को आने में अभी वक्त लग सकता है। सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वालेंस ने सोमवार को कहा कि सरकार की योजना को लेकर अटकलें बढ़ रही हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ कोई स्पष्ट वैक्सीन नहीं है। ऐसे में अगले साल के वसंत तक शायद कोई वैक्सीन ना आ सके। वैक्सीन को लेकर माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक और परमार्थ कार्यों से जुड़े अरबपति उद्योगपति बिल गेट्स ने एक बार फिर कहा है कि भारत के अनुसंधान एवं निर्माण कार्य व्यापक स्तर पर वैक्सीन बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में 44 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में हैं। जबकि 154 अन्य वैक्सीन भी विकासित हो रही हैं।
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