Coronavirus Vaccine Update: महामारी से लड़ने के लिए इन 5 वैक्सीन पर टिकी सरकार की उम्मीद
नई दिल्ली। भारत सहित दुनिया के कई देश अब भी कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे हैं। इस बीच दुनियाभर के देशों में वैक्सीन पर ही सबकी नजर टिकी है। जहां कई कंपनियों की वैक्सीन अभी ट्रायल के अलग-अलग स्टेज पर है, तो वहीं सरकार का राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह वैक्सीन की खरीद और वितरण को लेकर योजना पर काम कर रहा है। केंद्र सरकार को अलग-अलग ट्रायल से गुजर रहीं पांच कोरोना वैक्सीन को लेकर उम्मीद है, जिससे बीमारी से लड़ने में मदद मिल सकेगी।
इन पांच कोविड वैक्सीन में से तीन भारत में अडवांस स्टेज पर हैं। इनमें पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रा जेनेका शामिल है, जो फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल में है। दूसरी वैक्सीन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है जो फेज 3 ट्रायल में है और तीसरी वैक्सीन रूस की स्पूतनिक वी है, जिसका अगले हफ्ते तक 2/3 ट्रायल शुरु करने की उम्मीद है। नीति आयोग के सदस्य और राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के प्रमुख डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि ये सभी वैक्सीन आसान प्लैटफॉर्म पर हैं और इनके भारत की जरूरत के अनुसार उपलब्ध होने का आश्वासन भी है।
बाकी की दो वैक्सीन में से एक कैडिला है, जिसने लगभग अपना फेज 2 ट्रायल पूरा कर लिया है और एक अन्य वैक्सीन बायोलॉजिकल ई अभी फेज 1/2 ट्रायल में है। सरकार का कहना है कि वह दो वैश्विक कंपनियों मोडर्ना और फाइजर पर भी नजर बनाए हुए है। हालांकि फाइजर के लिए कोल्ड चेन की जरूरत एक चुनौती होगी और भारत जैसे बड़े देश की मांग के अनुसार इसकी डोज भी उपलब्ध नहीं हो पाएगी। पॉल ने बताया कि जहां तक उन्हें पता चला है कि केवल एक वैक्सीन ऐसी है, जिसे माइनस 70 से माइनस 80 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखना होता है। ये भी किसी भी देश के लिए आसान नहीं होगा और इसका वितरण बढ़ाने में भी दिक्कत आएगी। लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम वह भी करेंगे।
कोरोना
वैक्सीन
बनाने
के
लिए
चीन
ने
की
भारत,
BRICS
देशों
के
साथ
सहयोग
की
पेशकश