Coronavirus vaccine side effects:वैक्सीन लगवाने के बाद ये सारी परेशानियां हो सकती हैं, घबराएं नहीं
Coronavirus vaccine side effects: भारत में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India) ने सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech)दोनों की कोविड-19 वैक्सीन की इंमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। यानि अब देश में भी टीकाकरण का काम शुरू हो सकता है। आमतौर पर छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक को भी जब किसी बीमारी की वैक्सीन लगाई जाती है तो कई बार छोटी-मोटी साइड इफेक्ट्स होती हैं। लेकिन, कोरोना वायरस बहुत ही नया वायरस है और इसने पूरी दुनिया में जितनी तबाही मचाई है, उसके चलते इसकी वैक्सीन से होने वाले संभावित साइड इफेक्ट्स को लेकर भी लोगों के मन में कई तरह के सवाल हो सकते हैं। हम यहां कुछ केस स्टडी और विदेशों से लेकर भारत के मेडिकल एक्सपर्ट से बातचीत के आधार पर ये तथ्य आपके सामने रखने की कोशिश कर रहे हैं, कि वैक्सीन लगवाने पर आपको किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
वैक्सीन लगने की बाद कुछ लोगों में हल्की एलर्जी की आशंका
भारत में अभी कोरोनावायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत होनी है। इसलिए पहले उन देशों में हो रहे इन वैक्सीन के साइड इफेक्ट के बारे में जान लेते हैं, जहां यह पिछले कुछ हफ्तों से दिए जाने लगे हैं। मसलन, फिनलैंड में पिछले 27 दिसंबर से कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हुआ है। वहां की मेडीसीन एजेंसी फिमिया की चीफ डॉक्टर मैइजा काउकोनेन ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें मरीज से इसकी साइड इफेक्ट की सूचना मिली है। उन्होंने फिलहाल सिर्फ इतनी जानकारी दी है कि एलर्जी और दूसरी प्रतिक्रियाओं की जानकारी मिल सकती है। लेकिन,जबतक कम से कम पांच ऐसी सूचनाएं नहीं मिलतीं वो अपनी वेबसाइट पर यह बात साझा नहीं कर सकतीं।
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अभी अनुमानित मानक से ज्यादा एलर्जी की सूचनाएं
वैक्सीन (coronavirus vaccines)के बाद एलर्जी की शिकायतें फिनलैंड से ही नहीं मिली हैं। बल्कि दुनिया भर में कई जगहों से ऐसी सूचनाएं मिली हैं। लेकिन, इसके मुताबिक अभी अगर 1,00,000 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग रही है तो उनमें से 1 व्यक्ति एलर्जी होने की शिकायत कर रहा है। वैसे आमतौर पर वैक्सीनेशन के बाद उसकी प्रतिकूल प्रतिक्रिया की घटना प्रति 10,00,000 में से 1 में होने की आशंका रहती है। फिनलैंड के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड वेल्फोयर (THL) के वरिष्ठ डॉक्टर और वैक्सीनोलॉजिस्ट हन्ना नोहेयनेक के मुताबिक 'यह समय ही बताएगा कि यह दर जारी रहेगी या फिर प्रति 10 लाख में से 1 के आसपास ये स्थिर हो जाएगा। फिलहाल, ये एलर्जी अन्य टीकों की तुलना में कुछ ज्यादा दिखाई दे रही है।'
बुखार और सिरदर्द होने की आशंका-एक्सपर्ट
भारत में ऑक्सफॉर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca) की जो वैक्सीन 'कोविशील्ड' (Covishield)सीरम इंस्टीट्यूट(Serum Institute) ने तैयार की है और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की 'कोवैक्सीन'(Covaxin) को लेकर भी हल्के साइड-इफेक्ट्स की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा रहा है। जून महीने तक देश में भारत सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण की जानकारी देने वालों में सबसे जाने-पहचाने चेहरे रहे डॉक्टर रमन आर गंगाखेड़कर (Dr. Raman R. Gangakhedkar) ने भी मामूली साइड-इफेक्ट की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना वैक्सीन (coronavirus vaccine) लगने के बाद लोगों को सिरदर्द, बुखार और वैक्सीन लगाई जाने वाली जगह या शरीर में दर्द (Headache, fever and pain) का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि डॉक्टर रमन भारत के जाने-माने एपिडमिओलॉजिस्ट हैं और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में एपिडेमियोलॉजी और कम्युनिकेबल डिजिजेज के हेड रह चुके हैं।
'साइड-इफेक्ट हैं मामूले, वैक्सीन के फायदे काफी ज्यादा हैं'
उधर फिनलैंड के वैक्सीनोलॉजिस्ट हन्ना नोहेयनेक ने भी इन्हीं साइड-इफेक्ट की आशंकाओं की तस्दीक की है। उन्होंने कहा है, 'वैक्सीन की ज्यादातर साइड-इफेक्ट्स हल्के और तात्कालिक हैं, जैसे कि इंजेक्शन वाली जगह पर लाली या सूजन। कई बार वैक्सीनेशन की वजह से कुछ समय के लिए बुखार के साथ-साथ शरीर के अंगों में दर्द और सिरदर्द भी हो सकती है, जिनका इलाज एंटीपायरेटिक्स (antipyretics) और एएसएआईडी (nonsteroidal anti-inflammatory drug) के साथ किया जा सकता है।' साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा है कि 'वैक्सीन के फायदे साइड-इफेक्ट्स से कहीं ज्यादा हैं। कुछ प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की वजह से टीकाकरण को छोड़ा नहीं जा सकता।'
भारत में 30 मिनट की निगरानी जरूरी
गौरतलब है कि इन्हीं प्रतिकूल प्रभावों के मद्देनजर दुनिया भर में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर कुछ स्टैंडर्ड गाइडलाइंस जारी की गई हैं। मसलन, भारत में यह तय किया गया है कि किसी व्यक्ति पर कोविड-19 वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव को देखने के लिए उसे आधे घंटे या 30 मिनट की निगरानी में रखा जाएगा। यह समय बीतने के बाद ही उसे वैक्सीनेशन सेंटर से बाहर जाने की इजाजत होगी। इसी तरह अमेरिका में वहां के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने सुझाव दिया है कि वैक्सीनेशन के बाद कम से कम 15 मिनट तक निगरानी रखी जाए।