कोरोना वैक्सीन के राष्ट्रवाद से और लंबी खिंचेगी महामारी: WHO चीफ
नई दिल्ली: चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस से कोई भी देश अछूता नहीं है। अब रोजाना लाखों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच साल के अंत तक कोरोना वायरस की वैक्सीन बाजार में आने की उम्मीद है। जिसको लेकर WHO ने सभी देशों से खास अपील की है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर सभी देश एकजुट नहीं हुए तो महामारी का अंत मुश्किल है।
बर्लिन में तीन दिवसीय विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन के उद्घाटन पर WHO चीफ टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने कहा कि ये बात स्वाभाविक है कि सभी देश अपने नागरिकों को पहले वैक्सीन देना चाहते हैं, लेकिन हमें इसका प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर टीके को लेकर राष्ट्रवाद हुआ तो ये महामारी को और लंबा खींच देगा। ऐसे में कोरोना महामारी से उबरने का एकमात्र तरीका है कि सभी एक साथ आएं और गरीब देशों तक भी कोरोना वायरस की वैक्सीन को उचित मात्रा में पहुंचाया जाए।
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टेड्रोस ने आगे कहा कि उत्तरी गोलार्ध में कई देशों के लिए यह एक खतरनाक क्षण है। बार-बार हमने देखा है कि जल्दी से सही कदम उठाने का मतलब है कि महामारी के प्रकोप को कम किया जा सकता है। वहीं कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वैक्सीन को सार्वजनिक रूप से अच्छा होना चाहिए। वैक्सीन, टेस्ट और थेरेपी से ज्यादा जानें बच सकती हैं। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को भी सही करने में इसकी अहम भूमिका होगी।