'किसी तरह की महक या टेस्ट का पता नहीं लग रहा था', कोरोना को मात देकर लौटीं दीया ने बताई आपबीती
बेंगलुरु। कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि, बहुत से लोग ऐसे हैं जो कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जीतकर लौटे हैं। बेंगलुरु की कोरियोग्राफर दीया नायडू भी उनमें से एक हैं। स्विट्जरलैंड से 9 मार्च को लौटीं दीया COVID -19 संक्रमित पाई गईं थीं। गले के टेस्ट के बाद कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद उनको ईएसआई अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। इसको लेकर दीया ने अपने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा था।
दीया ने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी थी जानकारी
दीया ने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, 'मैंने कोविड -19 पॉजिटिव हूं और फिलहाल अस्पताल में हूं। शायद ही मेरे अंदर इसका कोई लक्षण था, यदि आप मुझसे या किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हैं जो मुझसे मिला है - तो अपने आप को क्वारंटाइन करें।' दीया ने रेडियो मिर्ची के आरजे जिमी के साथ बात करते हुए बताया कि इस दौरान उन्होंने एक चीज महसूस की, जो ये कि कोई स्मेल पता नहीं चलती थी। दीया का कहना है था कि उनको कोई खांसी-जुकाम या बुखार या कंपकंपी - ऐसा कोई विशिष्ट लक्षण नहीं था। उन्होंने इस दौरान अधिकारियों और चिकित्सा कर्मचारियों की भी तारीफ की जो कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं।
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शुरू में कोई लक्षण नहींं मिला था- दीया
दीया का कहना था, 'शुरू में कुछ स्पष्ट नहीं था और मुझे नहीं पता था कि क्या चल रहा है। कुछ दिनों बाद अधिकारियों ने मुझसे संपर्क किया।दीया कहती हैं, 'मुझे खांसी या सर्दी नहीं थी, इस दौरान मुझे पैरासिटामोल दिया गया था। जबकि संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स भी दिए गए थे। जब मैं स्विट्जरलैंड से भारत वापस आई, तो कोई क्वारंटाइन को लेकर कोई निर्देश नहीं थे। और मैं जिस देश से आई थी, वह लिस्ट में नहीं था।'
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आइसोलेशन में रहने के अपने अनुभव को किया साझा
वह आगे कहती हैं, 'लौटने के बाद मैंने उन नंबरों पर कॉल किया जिनके बारे में एयरपोर्ट पर नोटिस लगा था लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला, इसके बाद मैंने टेस्ट कराने का फैसला किया। पांच दिन बाद मुझे स्मेल या टेस्ट का पता नहीं लग रहा था। कई डॉक्टरों ने मुझे बताया था कि यह कोई लक्षण नहीं है।' आइसोलेशन में रहने के अपने अनुभव बताते हुए वह कहती हैं, 'इस दौरान कोई भी आपके पास नहीं जा सकता है।आसपास कोई नर्स भी नहीं होती है। अगर आपको कुछ चाहिए तो आपको कॉल करना होगा। आपको एक अच्छे उद्देश्य से दूर रखा जाता है।'
संपर्क में आए सभी लोग क्वारंटाइन किए गए
सरकार की ट्रैकिंग प्रणाली के बारे में बताते हुए, वह कहती है कि यह अविश्वसनीय रूप से मुश्किल है। अधिकारियों ने मेरे संपर्क में आने वाले सभी लोगों का पता लगाया और उन्हें ट्रैक किया। इसमें वह जगह भी शामिल है जहां मैंने किराना स्टोर पर सामान लिया था और यहां तक कि जिस टैक्सी में यात्रा की थी। संपर्क में आए ये सभी लोग होम क्वारंटाइन हैं। अधिकारियों का रवैया बहुत सकारात्मक रहा। दीया ने कहा कि इस दौरान हमें केवल इतना ही करना है कि हम कुछ भी करें लेकिन घर पर ही रहें और अधिकारियों की बात सुनें, उन्हें अपना काम करने दें।