महाराष्ट्र की जेलों में ना फैले कोरोना, इसलिए रिहा किए गए 9671 कैदी, बनाए 31 अस्थायी जेल
मुंबई। प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस मामलों को बीच महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को बड़ा ऐलान किया है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र की 60 जेलों में 38000 कैदी है, इनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग स्थापित की जा सके इसलिए हमने 9671 कैदियों को रिहा किया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामले में देश का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है, यहां की जेलों में भी कोरोना वायरस के मामले सामने आने से राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने अब जेलों में महामारी को फैलने से रोकने के लिए कैदियों की संख्या को कम करने का फैसला लिया है, इसके लिए पहले से ही 9671 कैदियों को रिहा किया जा चुका है। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, अब हम 11000 अधिक कैदियों को आपातकालीन पैरोल पर रिहा करने जा रहे हैं। हमने 24 जिलों में 31 अस्थायी जेलों की स्थापना की है। बता दें कि औरंगाबाद में हरसुल की केंद्रीय जेल में एक कैदी के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के कुछ दिन बाद शनिवार को 29 अन्य कैदी इस महामारी से संक्रमित पाये गये हैं।
10
राज्यों
में
मरीज
ज्यादा
टाइम्स
ऑफ
इंडिया
की
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक
देश
के
10
राज्यों
में
कोरोना
के
84
प्रतिशत
मामले
सामने
आए
हैं।
जिसमें
महाराष्ट्र,
तमिलनाडु,
दिल्ली,
गुजरात,
राजस्थान,
यूपी,
एमपी,
पश्चिम
बंगाल,
कर्नाटक
और
बिहार
शामिल
हैं।
देश
में
कोरोना
से
जितने
भी
लोगों
की
मौत
हुई
है,
उसमें
से
95
प्रतिशत
इन्हीं
राज्यों
में
से
हैं।
रिपोर्ट
के
मुताबिक
दिल्ली,
तमिलनाडु,
राजस्थान,
कर्नाटक
और
महाराष्ट्र
में
प्रति
मिलियन
जनसंख्या
पर
टेस्ट
भी
ज्यादा
किए
गए
थे,
जिस
वजह
से
ज्यादा
मामले
सामने
आए।
अब
तक
सबसे
ज्यादा
टेस्ट
मुंबई
में
हुए
हैं।
यह भी पढ़ें: वुहान से दुनियाभर में फैला कोरोना, 4 लाख से अधिक की मौत, लेकिन चीन ने श्वेत पत्र जारी कर खुद को बताया निर्दोष