कोरोना काल में गरीब मजदूरों की बेबसी को बयां करतीं 10 तस्वीरें
अपने पिता की उंगली थामे मासूम बच्चों की निगाहें उनसे पूछ रही हैं कि पल-भर में ये शहर इतना पराया क्यों हो गया...
नई दिल्ली। जिन कंधों पर उसने कभी शहर की हर जरूरत का बोझ उठाया, आसमान छूती इमारतों के लिए अपने सिर पर ईंटें ढोईं, तपती गर्मी और बहते पसीने के बीच जिसके हाथ कभी नहीं थके, वो मजूदर आज मायूस और हताश नजरों के साथ उसी शहर को छोड़कर जा रहा है। उसकी उंगली थामे मासूम बच्चों की निगाहें उससे पूछ रही हैं कि पल-भर में ये शहर इतना पराया क्यों हो गया? कोरोना वायरस के कारण पूरे देश की रफ्तार भले थम गई हो, लेकिन सड़कों पर अपने बच्चों को साथ लिए और कंधे पर जरूरत के चंद सामान का थैला लटकाए इन मजदूरों के पैर लगातार चल रहे हैं। किसी के पैर में छाले हैं तो कोई भूख-प्यास से बेहाल है। सरकारें कह रही हैं कि हमने इंतजाम किए हैं, लेकिन ये तस्वीरें कुछ और ही हकीकत बयां कर रही हैं....
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