न्यूयॉर्क में सामूहिक तौर पर शवों को दफनाने की तस्वीरें आपको हिला देंगी
नई दिल्ली- न्यूयॉर्क के पास एक द्वीप है, जहां 150 वर्षों से लावारिस शवों को दफनाया जाता रहा है। लेकिन, आज वहां हालात किस कदर से बिगड़ चुके हैं, वह उस द्वीप की ड्रोन से ली गई कुछ तस्वीरें बयां करने के लिए काफी हैं। आज की तारीख में न्यूयॉर्क में अकेले दुनिया के किसी भी दूसरे देश की तुलना में कहीं ज्यादा कोविड-19 के मरीज हो चुके हैं। यहां मौत का आंकड़ा भी बहुत ज्यादा है। स्थिति का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि पहले उस कब्रिस्तान में लावारिस शवों को दफनाने के लिए कब्र खोदने का जिम्मा न्यूयॉर्क के सबसे बड़े जेल के कैदियों का होता था, लेकिन आज इस काम को ठेके पर देना पड़ गया है।
न्यूयॉर्क में कई शवों को एकसाथ दफनाया जा रहा है
न्यूयॉर्क के हार्ट आइलैंड में हजामत लिबास पहने लोगों को बड़े पैमाने पर ताबूतों को दफनाने की तस्वीरें किसी को भी हिला दे सकती है। बीबीसी के मुताबिक न्यूयॉर्क के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को दफनाने के लिए उस जगह का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो लंबे समय तक लावारिसों या जो लोग अंतिम संस्कार करने में सक्षम नहीं होते हैं, उन्हें दफनाने के लिए किया जाता रहा है। इसकी वजह ये है कि अकेले न्यूयॉर्क शहर में आज की तारीख में कोरोना वायरस संक्रमित इतने मरीज हो चुके हैं, जो दुनिया में अमेरिका छोड़कर और कहीं नहीं हैं। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक न्यूयॉर्क राज्य में कोविड-19 के करीब 1,62,000 हजार मरीज हैं, जिनमें से अब तक 7,067 की मौत हो चुकी है।
ड्रोन से ली गई तस्वीरें विचलित कर देंगी
इस समय पूरे अमेरिका में कोरोना के मरीजों की संख्या 4,66,000 तक पहुंच चुकी है, जिनमें 16,7000 की मौत हो चुकी है। जबकि, दूसरे नंबर पर स्पेन में 1,57,000 और इटली में 1,43,600 कोरोना मरीज हैं। चीन में जहां से इस महामारी की शुरुआत हुई थी वहां भी 82,000 मामलों की ही पुष्टि हुई है। जबकि, पूरे विश्व में यह आंकड़ा 16 लाख के पार कर चुका है और 97,000 लोग जान गंवा चुके हैं। यानि, आज की तारीख में न्यूयॉर्क कोरोना का केंद्र बन चुका है। जाहिर है कि इन सबके बीच न्यूयॉर्क के उस आइलैंड के 150 साल पुराने कब्रिस्तान की जो ड्रोन से तस्वीरें सामने आई हैं, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं। यानि, जो कब्रिस्तान आज तक लावारिसों और लाचारों के लिए इस्तेमाल होता आया है, आज वह कोरोना से मरने वालों के शवों का सामूहिक कब्रगाह बना दिया गया है।
शवों की संख्या में करीब 5 गुना इजाफा
एसोसिएटेड प्रेस न्यूज एजेंसी के मुताबिक इस द्वीप पर सामान्य तौर पर हफ्ते में 25 डेड बॉडी दफनाने के लिए आते थे। लेकिन, डिपार्टमेंट ऑफ करेक्शन के प्रवक्ता जैसन क्रिस्टेन के मुताबिक अब यहां दफनाने का काम हफ्ते में एक बार की बजाय 5 दिन किया जा चुका है और हर दिन करीब 24 मृतकों को यहां अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है। इस कब्रिस्तान में एक और बड़ी तब्दीली आई है। आमतौर पर यहां कब्र खुदाई और दफनाने का काम रिकर्स द्वीप पर मौजूद शहर के मुख्य जेल के कैदियों के जिम्मे होता था। लेकिन, अब काम बहुत ज्यादा बढ़ चुका है, इसलिए इसे ठेके पर दे दिया गया है। इस हफ्ते की शुरुआत में न्यूयॉर्क के मेयर बिल डे ब्लैसियो ने संकेत दिया था कि जब तक ये संकट खत्म नहीं हो जाता अस्थाई तौर पर दफनाने की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा था 'निश्चित तौर पर जिस जगह को हम ऐतिहासिक तौर पर इस्तेमाल करते आए हैं वह हार्ट आइलैंड है।' मेयर की चिंता वेवजह नहीं थी। गुरुवार को ही वहां 799 लोगों की मौत हो गई। यह सिलसिला पिछले तीन दिनों से चल रहा है।
अमेरिका में कोरोना से अब 60,000 मौतों का अनुमान
अमेरिका में कोरोना वायरस का प्रकोप कितना भयानक है, इसका वहां के कुछ आधिकारिक बयानों से मात्र अंदाजा ही लगाया जा सकता है। मसलन, व्हाइट हाउस के कोरोना वायरस टास्क फोर्स के एक प्रमुख सदस्य डॉक्टर एंथनी फउसी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस से अमेरिका में जो मौत का आंकड़ा होगा वह लगता है कि 60,000 से ज्यादा होगा। मार्च के आखिर में उन्होंने ही यह आंकड़ा 1,00,000 से 2,00,000 के बीच रहने का अनुमान जताया था। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही पहले कह चुके हैं कि अमेरिका में मौतों का अंतिम आंकड़ा 22 लाख से कम रह जाए तो उपलब्धि होगी।
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