कोरोना संकट में सरकार ने दी किसानों को राहत, इन 14 खरीब फसलों की बढ़ी MSP
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने खरीब की 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाने के लिए मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया गया है। इससे देश के करोड़ों किसानों को फायदा मिलेगा। सरकार ने बताया कि किसानों को फसल पर उनकी लागत की तुलना में 50 से 83 फीसद तक अधिक रिटर्न मिलना सुनिश्चित किया है। इसी आधार पर एमएसपी जारी की गई है।
कृषि मंत्री ने बताया कि फसल वर्ष 2020-21 के लिए कैबिनेट ने धान की एमएसपी 1,868 रुपये, जौ की एमएसपी 2,620 रुपये, बाजरा की एमएसपी 2,150 रुपये प्रति क्विंटल तय की है। कपास की एमएसपी 260 रुपये बढ़ाकर 5,515 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गयी है। साथ ही मक्का की एमएसपी में 53 फीसद, मूंगफली में 50 फीसद, सूरजमुखी में 50 फीसद, सोयाबीन में 50 फीसद और कपास में 50 फीसद की वृद्धि कीगई है।
क्या होता है न्यूनतम समर्थन मूल्य
किसानों को उसकी फसल का लागत से ज्यादा मूल्य मिले, इसके लिए भारत सरकार देशभर में एक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करती है। खरीदार नहीं मिलने पर सरकार MSP पर किसान से फसल खरीद लेती है। एमएसपी निर्धारित करते वक्त उत्पादक की लागत, मूल्यों में परिवर्तन, इनपुट आउटपुट मूल्य में समानता, मांग-आपूर्ति जैसी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। किसानों के लिए एमएसपी के फायदों की बात करें तो इसका सीधा फायदा ये है कि इससे अनाज की कीमतों में स्थिरता बनी रहती है। न्यूनतम मूल्य मिलने की गारंटी होती है। आसान भाषा में कहें तो सरकार द्वारा इसके जरिए किसानों को बाजार में अपनी फसल का न्यूनतम मूल्य हर हाल में मिलना तय किया जाता है।