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कोरोना से जंग: पाकिस्तानी दवा कंपनियों ने इमरान सरकार को चेताया, भारत से लिया पंगा तो पड़ेगा महंगा

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नई दिल्ली- पाकिस्तानी दवा कंपनियों ने इमरान सरकार और वहां की प्रदेश सरकारों को चेतावनी दी है कि अगर कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के दौरान भारत से आने वाले कच्चे मालों पर किसी तरह की पाबंदी लगाई तो कोरोना वायरस से जंग लड़ना मुश्किल हो जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान में कोरोना संक्रमितों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है और सिंध और पंजाब प्रांत में तो इनकी संख्या बहुत ही ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में दवा कंपनियों का कहना है कि एक तरफ तो वहां की सरकारें कोरोना से लंबी लड़ाई लड़ने की तैयारियां कर रही हैं और दूसरी तरफ अगर दवा की जरूरत के कच्चे माल की सप्लाई बाधित कर देगी तो मरीजों को इलाज करना मुश्किल हो जाएगा।

पाकिस्तानी दवा कंपनियों ने इमरान सरकार को चेताया

पाकिस्तानी दवा कंपनियों ने इमरान सरकार को चेताया

पाकिस्तान की दवा निर्माता कंपनियों ने भारत से मंगवाए जाने वाले दवा की जरूरतों वाले कच्चे मालों पर किसी तरह का प्रतिबंध लगाने को लेकर इमरान सरकार को सीधे शब्दों में चेतावनी दे दी है। दवा कंपनियों ने कहा है कि पाकिस्तान इतना सक्षम नहीं है कि ऐसा करके वह कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग जारी रख सके और इसलिए भारत से रॉ मटेरियल पर रोक लगाने के बाद यह लड़ाई बहुत ही कमजोर पड़ जाएगी। सोमवार को कराची में पाकिस्तान के फार्मास्युटिकल्स मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि दवा बनाने के लिए भारत या किसी और देशों से आने वाले कच्चे मालों पर किसी भी सूरत में रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। पाकिस्तान में सोमवार तक कोरोना के मरीजों की संख्या 31,684 तक पहुंच चुकी थी। इनमें से सिंध में सबसे ज्यादा 12,017 और पंजाब में 11,568 मामले थे।

बिना कच्चे माल के कैसे बनेगी दवाई

बिना कच्चे माल के कैसे बनेगी दवाई

पाकिस्तान सरकार को इस संबंध में आगाह किए जाने के बारे में पाकिस्तान फार्मास्युटिकल्स मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के सीनियर वाइस चेयरमैन सैय्यद फारूक बुखारी ने कहा है, 'ऐसे समय में जब देश की संघीय और प्रांतीय सरकारें ज्यादा से ज्यादा क्वारंटीन सेंटर तैयार करने में लगी हैं, आइसोलेशन फैसिलिटीज बना रही हैं और कोविड-19 के मरीजों को रखने के लिए अस्पतालों में खास वार्ड बनाए जा रहे हैं, कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं की लगातार सप्लाई बनाए रखने की अत्यधिक आवश्यकता है।' पाकिस्तान में सिंध और पंजाब के अलावा सबसे ज्यादा केस खैबर पख्‍तूनख्वा में हैं- 4,875। इसके अलावा बलूचिस्तान में 2,017, इस्लामाबाद में 679, गिलगिट-बाल्टिस्तान में 442 और पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में 86 मरीज हैं। यह कल तक 667 मरीजों की मौत भी हो चुकी थी।

मस्जिदों में भीड़ जुटाने की दे दी है इजाजत

मस्जिदों में भीड़ जुटाने की दे दी है इजाजत

एक तरफ पाकिस्तान की दवा कंपनियां भारत से निर्यात होने वाले कच्चे माल पर रोक को लेकर आशंकित हैं तो दूसरी ओर लगातार बढ़ते मामलों के बावजूद इमरान सरकार लॉकडाउन में छूट देती जा रही है। सोमवार को भी इमरान खान ने लॉकडाउन में छूट को लेकर एक बैठक की थी। आधिकारिक बयान के मुताबिक इमरान ने कहा है, 'परिस्थितियों के अनुसार लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट दी जा रही है और कारोबार और स्वास्थ्य की आवश्यकताओं में बैंलेंस बनाए रखने की आवश्यकता है।' बता दें कि इमरान सरकार ने ट्रासपोर्ट पर तो रोक लगा रखी है, लेकिन मस्जिदों में भीड़ जुटाने की छूट दे दी है।

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English summary
Coronavirus-Pakistani drugmakers warn government,banning raw material from India will weaken fight
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