Coronavirus:अब मास्क-सैनिटाइजर के लिए मारामारी, जानिए कितने बढ़ गए दाम
नई दिल्ली- दिल्ली-एनसीआर में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच दवा दुकानों से मास्क और सैनिटाइजर गायब होने लगे हैं। डिमांड के मुकाबले सप्लाई नहीं हो पा रही है। लोग दहशत में आकर इन चीजों की जोरदारी खरीदारी कर रहे हैं, लिहाजा बचाव के इन साधनों के दामों में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है। स्थिति ऐसी बन चुकी है कि अब सप्लाई भी ठप पड़ती जा रही है और स्वास्थ्यकर्मियों को भी मास्क मिलने में कठिनाई शुरू हो गई है। ऑनलाइन मार्केट में भी यही हाल है और मांग में 10 गुना इजाफा तक देखा जा रहा है। लोग हर कीमत पर मास्क-सैनिटाइजर या बचाव के दूसरे विकल्प खरीद लेना चाह रहे हैं।
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मास्क-सैनिटाइजर की भारी किल्लत
कोरोना वायरस चीन से ही शुरू होकर पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है। लेकिन, भारत इसकी दो-तरफा मार झेल रहे हैं। पिछले दो-तीन दिनों में अचानक यहां कोरोना वायरस के संदिग्धों की संख्या काफी बढ़ गई है, लिहाजा मास्क की मांग कई गुना बढ़ गई है है। शुरू में तो चीन में ही भारत से मास्क की मांग बढ़ गई थी, क्योंकि वहां भी डिमांड के मुकाबले सप्लाई काफी कम था। अब दिल्ली-एनसीआर के मेडिकल स्टोर्स मास्क की किल्लत का सामना कर रहे हैं। सैनिटाइजर की भी भारी किल्लत हो चुकी है। जाहिर की मांग बढ़ने से दाम भी बढ़ते चले जा रहे हैं। आलम ऐसा हो गया है कि जब कोई कस्टमर कीमतों पर सवाल उठाता है तो मेडिकल स्टोर वाले कहते हैं, 'बाजार मे मास्क पूरे नहीं पड़ रहे हैं। अगर आप खरीदना चाहते हैं तो लीजिए या फिर छोड़ दीजिए।' कीमतों में इजाफे पर वो यह भी दलील देते हैं कि पीछे से ही दाम बढ़े हुए हैं तो वो क्या कर सकते हैं।
कीमतों में चार-चार गुना इजाफा
अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां की स्थिति ये है कि आमतौर पर 10 रुपये में मिलने वाला सर्जिकल मास्क, चार गुना ज्यादा यानि 40-40 रुपये में मिल रहे हैं। जो लोग ज्यादा सुरक्षा के लिए एन95 मास्क खोजते हैं उन्हें तो और ज्यादा चपत लग रही है। ऐसे मास्क में कई लेयर होते हैं और इसे बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है, इसीलिए इनकी कीमतों में तो और आग लग चुकी है। मसलन, कुछ दिन पहले तक 150 रुपये या उससे भी कम में मिलने वाला एन95 मास्क इस समय 500 रुपये तक में मिल रहा है। लेकिन, दुकानदार कहते हैं कि उन्हें भी सप्लायर्स को ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं, क्योंकि जरूरत के मुताबिक यह बाजार में हैं ही नहीं। जानकारी मिल रही है कि लोग वायरस की घबराहट में भी मास्क और सैनिटाइजर की अंधाधुंध खरीदारी कर रहे हैं, जिससे दाम बढ़ता ही जा रहा है। केमिस्ट एसोसिएशन की प्रेमल मेहता के मुताबिक अब इनकी सप्लाई भी बंद होती जा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले ही इनके निर्यात की इजाजत नहीं दी थी।
ऑनलाइन मार्केड में भी 10 गुना बढ़ी डिमांड
यहां तक कि ऑनलाइन मार्केट में भी सभी तरह के मास्क, खासकर मुंह और नाक ढंकने वाले मास्क, हाथ साफ करने वाला सैनिटाइजर, प्रोटेक्टिव सूट, सर्जिकल ग्लोव्स,थर्मामीटर और सेफ्टी गॉगल्स की मांग में भी 10 गुना इजाफा बताया जा रहा है। दरअसल, जिन लोगों में भी सर्दी-जुकाम के थोड़े भी लक्षण पाए जाते हैं, उन्हें मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है ताकि अगर वायरस हो तो वह दूसरे लोगों को संक्रमित न करे। लेकिन, बहुत सारे स्वस्थ्य लोग अपनी हिफाजत और संक्रमण से बचने के लिए भी मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। खासकर उन लोगों के लिए यह बहुत ही जरूरी है जो किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर जा रहे हैं।
स्वास्थ्यकर्मियों को भी होने लगी है दिक्कत
दिल्ली में मास्क की किल्लत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए भी इसे हासिल करने में बड़ी दिक्कत हो रहा है। दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल को Covid-19 के फैलाव की रोकथाम और पीड़ित मरीजों के इलाज का नोडल सेंटर बनाया गया है। जबकि यहां के डॉक्टरों को अधिकारियों से कहना पड़ा है कि सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए मास्क उपलब्ध कराई जाय। एक डॉक्टर ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों को इसके संक्रमण का सबसे ज्यादा खतर है, क्योंकि वे इसके मरीजों से सीधे संपर्क में रहते हैं। इसीलिए उन्हें हर तरह के सुरक्षा इंतजाम मिलने चाहिए ताकि वे बिना डरे और चिंता किए काम कर सकें।
दवाइयों की किल्लत की भी आशंका
एक बड़ी चिंता की बात ये है कि कोरोना वायरस के फैलने से दवा की किल्लत की आशंका भी बढ़ गई है। इसे रोकने के लिए मंगलवार को दुनिया में सबसे ज्यादा जेनरिक दवा बनाने वाले भारत ने पैरासिटामोल और 25 दूसरी दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों और उनसे बनी दवाओं का निर्यात रोक दिया है। हालांकि, भारत विश्व की 20 फीसदी जेनरिक दवाओं का सप्लायर है, भारतीय दवा कंपनियां दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक तत्वों का दो-तिहाई हिस्सा चीन से ही मंगाती हैं। लेकिन, कोरोना वायरस की महामारी की वजह से चीन में दवा कंपनियां बंद हो गई हैं, जिससे भारत में भी दवा और उसके लिए जरूरी सामग्रियों की किल्लत होने की आशंका बढ़ गई है।
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