Corona वायरस ने बदला मिजाज, फेफड़ों के अलावा अब दिल-दिमाग और किडनी पर कर रहा है हमला: AIIIMS
नई दिल्ली। 7 महीने पहले कोरोना वायरस ने भारत में दस्तक दी। 7 महीनों में वायरस ने अपना रूप बदल दिया है। जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे ही कोरोना वायरस के बारे में नई जानकारी आ रही है। कोरोना के बदले मिजाज को लेकर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के ताजा बयान ने अब इस वायरस को लेकर चिंता और बढ़ा दी है।
Recommended Video
एम्स के डायरेक्टर के मुताबिक कोरोना वायरस मरीजों के सिर्फ फेफड़ों पर नहीं बल्कि उनके ब्रेन, हर्ट और किडनी पर असर डालने लगा है। जी हां कोरोना वायरस का असर अब संक्रमित व्यक्ति के सिर्फ फेफड़ों पर नहीं बल्कि अब उसके दिल, दिमाग और किडनी पर पड़ने लगा है। एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने इस बारे में जानकारी दी और कहा कि 7 महीनों में कोरोना वायरस के लक्षण बदलने लगे हैं। अब ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर एक साथ कई अंगों पर हमला करने लगा है। एम्स के डायरेक्टर ने इंडियान एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कोरोना वायरस के बदलते रूप के चर्चा की और कहा कि अब ये वायरस और खतरनाक हो गया है। ये एक साथ शरीर के कई अंगों पर हमला करने लगा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना अब सिस्टेमिक डिजीज बनता जा रहा है। इसका मतलब वैसी बीमारी जो एक साथ शरीर के कई अंगों पर हमला कर उन्हें प्रबावित करें। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण मरीजों के फेफड़े लंब वक्त कर सामान्य रूप से काम नहीं कर पाते हैं। कई मरीज ऐसे हैं, जिन्हें ठीक होने के बाद भी लंबे वक्त तक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है।
एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस के शरीर पर हमले के बाद देखा गया कि ये निमोनिया की तरह प्रभाव डालता है, लेकिन बाद में इसके लक्षण बदल गए और संक्रमित मरीजों के खून में थक्के बनने लगे। खून जमने के कारण मरीजों के फंफड़े और हर्ट काम करना बंद कर लेते हैं और मरीज की मौत हो जाती है, लेकिन अब देखने में आ रहा है कि अब ये वायरस दिमाग और किडनी पर भी असर डालने लगा है। लोगों को न्यूरोलॉजिकल परेशानियां होने लगी है।