Lockdown के बीच ऑस्पताल पहुंचने से पहले महिला ने एम्बुलेंस में दिया जुड़वा बच्चों को जन्म
पणजी। कोरोना वायरस के चलते पूरा देश लॉकडाउन पर है। इस जानलेवा वायरस के खिलाफ जो योद्धा सबसे फ्रंट लाइन में हैं वो हैं डॉक्टर्स। उन्हें पहले भी भगवान का दर्जा दिया जाता था लेकिन इस महामारी के बाद अब इस बात में सच कहा जाने लगा है। इसी जारी लॉकडाउन के बीच एम्बुलेंस सेवा के कर्मियों की मदद से एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने खुद इस बात की जानकारी दी। राणे ने पत्रकारों को बताया कि महिला को मापुसा शहर के जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था तभी अस्पताल से करीब 30 किलोमीटर पहले उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।
उन्होंने कहा,'' वालपोई की स्टाफ नर्स नीलिमा सावंत ने सीमा पारित और ईएमटी श्रीतन कुडनेकर की मदद से महिला का एम्बुलेंस में ही प्रसव कराया और महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। राणे के मुताबिक दोनों बच्चे और मां स्वस्थ्य हैं और उन्हें रेगुलर चेकअप के लिए अस्पताल भेजा गया है। जल्द ही दोनों को वहां से छुट्टी दे दी जाएगी।
देश का पहला कोरोना वायरस मुक्त राज्य बन चुका है गोवा
गोवा देश का पहला राज्य बना गया है, जहां कोरोना के सभी मरीज स्वस्थ होकर अपने घर वापस चले गए हैँ। कोविड-19 के सभी सात मरीज उपचार के बाद ठीक हो गए हैं और सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने रविवार को यह जानकारी दी है। सीएम ने अपने ट्वीट में कहा, 'गोवा के लिए यह राहत और संतुष्टि भरा समय है, जहां कोरोना वायरस के अंतिम पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होकर अपने घर चले गए।
डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की टीम इसके लिए तारीफ के पात्र हैं। तीन अप्रैल के बाद गोवा में कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है।' आपको बता दें कि संक्रमण के सात मामलों में से अंतिम मामला तीन अप्रैल को सामने आया था और उपचार के बाद सभी व्यक्तियों के नमूनों की जांच नकारात्मक आने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। स्वास्थ्य मंत्री राणे ने भी ट्वीट किया, "हमें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि गोवा में कोविड-19 से ग्रसित सभी मरीज ठीक हो गए हैं। अभी गोवा में एक भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है।"