सख्त लॉकडाउन से सोने की तस्करी में भी आई कमी, इस साल मात्र 25 टन स्मगलिंग का अनुमान
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था। इस लॉकडाउन से सिर्फ संक्रमण के विस्तार को कम होना ही नहीं बल्कि कुछ और भी फायदे हुए थे। जी हां सख्त लॉकडाउन के चलते तस्करी के जरिए आने वाले सोने में कमी आई है। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन एन अनंथा पद्माभन के मुताबिक, देश में तस्करी के जरिए आने वाले सोने की मात्रा गिरकर 2 टन प्रतिमाह पर आ गई है।
तस्करी के जरिए इस साल मात्र 25 सोने आने की संभावना है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, कोविड से पहले भारत में सालाना करीब 120 टन सोना तस्करी के जरिए आता था। ऐसे में इस साल तस्करी के सोने में करीब 80 फीसदी की कमी आ सकती है कोविड-19 के कारण देश में 25 मार्च से दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन लगाया गया था। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स और अन्य साधनों पर भी रोक लग गई थी।
इस रोक के चलते गैरकानूनी शिपमेंट पूरी तरह से रुक गया था। लॉकडाउन के कारण जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान सोने की कुल मांग में भी कमी आई थी। अब देश तेजी से कोरोनावायरस संक्रमण का एपिसेंटर बनता जा रहा है। इसके बावजूद सभी प्रतिबंधों को हटा दिया गया है। संक्रमण के मामले में अब भारत केवल अमेरिका से पीछे है।
पद्माभन का कहना है कि पिछले 6 महीने से कोई फ्लाइट नहीं थी। इस कारण तस्करी पर मामूली असर पड़ा। पद्माभन के मुताबिक, देश में जो कुछ भी तस्करी के माध्यम से आता हो, वो सब नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका से जुड़े जमीनी बॉर्डर से आता है। एयरपोर्ट से होने वाली तस्करी ज्यादा नहीं है। जमीन से जुड़े बॉर्डर पर कड़ी निगरानी से तस्करी पर लगाम लगी है। वित्त मंत्रालय के डाटा की गणना के बाद ब्लूमबर्ग की कैलकुलेशन के मुताबिक, अप्रैल में हवाई अड्डों पर केवल 20.6 किलो सोना पकड़ा गया है। यह 6 साल का सबसे निचला स्तर है।
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