लॉकडाउन में मकान मालिक ने घर से निकाला, प्रेग्नेंट पत्नी को लेकर 100 किमी पैदल चला शख्स और फिर...
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। वहीं, लॉकडाउन के बाद कामकाज बंद होने से दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं और दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों से इनका पलायन जारी है। इसी तरह आठ माह की गर्भवती पत्नी को लेकर एक शख्स पैदल ही सहारनपुर से अपने शहर बुलंदशहर जाने के लिए निकल पड़ा।
मेरठ में स्थानीय लोगों ने की दंपति की मदद
स्थानीय निवासी नवीन कुमार और रवींद्र ने शनिवार को मेरठ के सोहराब गेट बस अड्डे पर पहुंचे दंपत्ति वकिल और यासमीन को देखा और नौचंदी पुलिस स्टेशन में एक सब इंस्पेक्टर प्रेमपाल सिंह को उनके बारे में जानकारी दी। नौचंदी पुलिस स्टेशन के प्रभारी आशुतोष कुमार ने बताया कि स्थानीय लोगों ने वकील और यासमीन को खाने-पीने की चीजों के अलावा आर्थिक मदद भी की और एम्बुलेंस से उन्हें उनके गांव बुलंदशहर के अमरगढ़ तक छोड़ने की व्यवस्था की।
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बुलंदशहर जाने के लिए निकल पड़े
थाना प्रभारी ने बताया कि वकिल एक कारखाने में काम करता था और उसने दो दिनों में अपनी पत्नी के साथ 100 किमी का सफर तय किया। यासमीन ने पुलिस को बताया कि वे एक कमरे में रहते थे जिसका फैक्टी मालिक ने इंतजाम किया था। लेकिन लॉकडाउन की घोषणा के बाद उसने कमरा खाली करने को कहा और गांव जाने के लिए पैसे भी देने से इनकार कर दिया। दंपति के सामने कोई विकल्प नहीं था और गुरुवार को वे सहारनपुर से अपने गांव जाने के लिए निकल पड़े।
दो दिनों से कुछ खाया भी नहीं था
यासमीन ने बताया लॉकडाउन के कारण हाईवे के किनारे खाने-पीने को कुछ नहीं मिला, सबकुछ बंद था और दो दिनों से उन्होंने कुछ खाया नहीं था। लेकिन, मेरठ में स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की जिसके बाद वे अपने घर पहुंच सके। कोरोना वायरस की गंभीरता और दुनियाभर के विकसित देशों की त्रासदी को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन का बड़ा फैसला लिया है। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या एक हजार के पार पहुंच चुकी है जबकि अब तक इस वायरस के कारण 27 लोगों की मौत हो चुकी है।