कोरोना वायरस: शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों का जनता कर्फ्यू को समर्थन, आज धरने पर सिर्फ पांच महिलाएं
नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीनबाग में धरनास्थल पर आज सिर्फ पांच महिलाएं धरना दे रही हैं। बाकी भीड़ यहां से हट गई है। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे और रविवार को देशभर में जनता कर्फ्यू तो देखते हुए प्रदर्शनकारियों ने ये फैसला लिया है। पांचों महिलाएं तख्त पर बैठकर मास्कर पहनकर धरनास्थल पर बैठी हैं। जनता कर्फ्यू को समर्थन देते हुए अन्य किसी को धरनास्थल पर जाने की अनुमित नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने ये भी कहा है कि रविवार सुबह धरनास्थल पर किसी अज्ञात शख्स ने पेट्रोल बम भी फेंका। हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ।
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इससे पहले दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए, एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने जनता कर्फ्यू का हिस्सा नहीं बनने की बात कही थी। हालांकि महिलाओं का कहना है कि प्रदर्शनस्थल पर भीड़ पहले ही कम कर दी गई है। 50 से भी कम लोग प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं और वो भी तख्त पर अलग-अलग बैठ रहे हैं। 15 दिसंबर 2019 को शाहीन बाग में महिलाओं ने नागरिकता संशोधन कानून, और एनआरसी के खिलाफ धरना शुरू किया था। जिसके बाद से अब तक ये लगातार जारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता कर्फ्यू के आह्वान मद्देनजर आज पूरे देशभर में ज्यादातर लोग घरों में हैं कोरोना वायरस के कारण बनी संकट की स्थिति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर आज देश में सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक 'जनता कर्फ्यू' रहेगा। जनता कर्फ्यू का असर बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक, पूरे देश में देखने को मिल रहा। देश के सभी राज्यों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
पीएम मोदी ने गुरुवार को अपने संबोधन में कहा था कि सभी लोगों को 22 मार्च रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन करना चाहिए। इस दौरान बाहर ना जा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए। इस बीमारी से एहतियात से ही बचा जा सकता है क्योंकि कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई वैक्सीन अभी नहीं बन पाई है।
जनता कर्फ्यू के समर्थन में रजनीकांत ने लोगों से की ये अपील, ट्विटर ने डिलीट किया ट्वीट