सामान्य सर्दी-जुकाम से 20 गुना खतरनाक है कोरोना वायरस, स्टडी में हुए चौकाने वाले खुलासे
नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर में पाया गया कोरोना वायरस (कोविड-19) आज पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है। अब तक महामारी से विश्वभर में 3 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है वहीं, कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों में से सबसे आम है बुखार का आना, महामारी से संक्रमित शख्य के शरीर का तापमान बढ़ जाता है साथ ही उसे सांस लेने में भी परेशानी शुरू हो जाती है। हाल ही में हुई एक शोध में पाया गया कि कोरोना वायरस आमतौर पर होने वाले फ्लू (सर्दी-जुकाम) से कहीं ज्यादा खरतनाक है।
स्टडी में सामने आया चौंकाने वाला दावा
अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और एमोरी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा किए गए एक शोध में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस महामारी ने अमेरिका में प्रति सप्ताह फ्लू की तुलना में 20 गुना अधिक लोगों की जान ली है। यह दर्शाता है कि SARS-CoV-2 वायरस जो COVID-19 का कारण बनता है वह सिर्फ एक सामान्य फ्लू नहीं है बल्कि उससे कहीं अधिक खतरनाक है। स्टडी के मुताबिक अमेरिका में 21 अप्रैल के सप्ताह के अंत में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या फ्लू से मरने वालों की संख्या की तुलना में 10 से 40 गुना अधिक थी।
फ्लू से कहीं ज्यादा हुई कोरोना संक्रमितों की मौत
शोधकर्ताओं के अनुसार यह सप्ताह पिछले सात इन्फ्लूएंजा सीजन के सबसे घातक था, इससे पहले फ्लू को लेकर होने वाली इनती मौतें कभी सामने नहीं आईं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शोधकर्ताओं ने प्रति सप्ताह फ्लू से होने वाली मौतों की वास्तविक गणना को देखा और उनकी तुलना कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की संख्या से की। बता दें कि महामारी से अब तक कम से कम 303082 लोगों की मौत हो चुकी है और 4,395,790 से अधिक लोग संक्रमित हैं।
इन्फ्लूएंजा से हजारों लोगों की होती है मौत
शोधकर्ताओं ने कहा कि लोगों ने कोविड -19 के साथ फ्लू की तुलना की है क्योंकि अमेरिका में यह इस साल जनवरी में सामने आया था। अमेरिका में दसियों हजार लोग इन्फ्लूएंजा से मर जाते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के आने के बाद फ्लू से होने वाली मौत का आंकड़ा ही बदल गया है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) का अनुमान है कि अमेरिका में चालू फ्लू के मौसम में अप्रैल, 2019 से अप्रैल, 2020 तक 62,000 लोगों की मौत फ्लू से हुई है।
मई में फ्लू और कोरोना से हुई समान मौतें
ऐसा प्रतीत हो सकता है कि फ्लू से मरने वालों की संख्या कोविड-19 से मरने वालों के बराबर लगे, जिसने मई माह तक अमेरिका में 86,571 लोगों की जान ले ली है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि फ्लू से मरने वालों का आंकड़ा एक वर्ष का है जबकि कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा 5 महीने का है। हालांकि स्टडी में दूसरी ओर यह भी कहा गया है कि मौतों का यह आंकड़ा अलग-अलर क्षेत्र में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते बदल भी सकता है।
स्टडी में हो सकती हैं कई गलतियां
यह तुलना त्रुटिपूर्ण भी हो सकती है क्योंकि अमेरिका में हर साल फ्लू से मरने या मरने वालों की सही संख्या का पता नहीं चल पाता है। स्टडी में ली गई संख्या देश के 13 राज्यों में निगरानी के माध्यम से फ्लू अस्पताल में भर्ती आंकड़ों पर आधारित है। दूसरी ओर, रिपोर्ट की गई कोरोना मौतें उन लोगों की वास्तविक गिनती हैं जो महामारी से मारे गए है, इन मौतों में कोई अनुमान नहीं लगाया गया है यह वास्तविक है। दूसरे शब्दों में कहें तो COVID-19 मौतों की तुलना फ्लू से होने वाली मौतों से करना मतलब 'सेब से संतरे' की तुलना करना है।
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