विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने की दुनिया की सबसे बड़ी योजना, 10 प्वाइंट में समझिए
नई दिल्ली- कोरोना वायरस संकट और उसकी वजह से कई देशों में जारी लॉकडाउन की वजह से इस वक्त दुनिया भर में जहां-तहां हजारों भारतीय फंसे हुए हैं, जो सिर्फ वतन वापसी के इंतजार में हैं। लेकिन,अब केंद्र सरकार ने इन भारतीयों को घर वापस लाने का एक मेगा प्लान तैयार कर लिया है। आने वाले गुरुवार से 13 देशों में फंसे 14,800 भारतीयों को निकालने का ऑपरेशन शुरू हो जाएगा। अपने नागरिकों को कोरोना संकट के दौरान दूसरे देशों से वापस लाने का यह दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा अभियान होगा, जिसके लिए 64 उड़ानों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा मालदीव और पश्चिम एशियाई देशों से भारतीयों को वापस लाने के लिए नौसेना के जंगी जहाजों को काम पर लगाया जाना है और एक जहाज अरब सागर में कूच भी कर चुका है।
7 मई को पहली उड़ान
योजना के मुताबिक 7 मई को पहले दिन 10 उड़ानें विभिन्न देशों में कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन में फंसे 2,300 भारतीयों को लेकर आएंगी। ये उड़ानें पहले दिन अमेरिका, फिलीपींस, सिंगापुर, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, यूके, सऊदी अरब, कतर, ओमान, बरीन और कुवैत से भारतीय नागरिकों को लेकर आएंगी। बता दें कि सरकार ने तय किया है कि जो भारतीय यूरोप से उड़ान भरकर आएंगे उनसे 50,000 रुपये और अमेरिका से आने वालों को 1 लाख रुपये किराए के तौर पर लिए जाएंगे।
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देश के अलग-अलग शहरों में होगी लैंडिंग
योजना के मुताबिक दूसरे दिन 9 अलग-अलग देशों से करीब 2,050 भारतीय चेन्नई, कोच्चि, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु और दिल्ली पहुंचेंगे। लगभग इतने ही भारतीय तीसरे दिन मध्य-पूर्व, यूरोप, दक्षिण पूर्वी एशिया और अमेरिका से मुंबई, कोच्चि, लखनऊ और दिल्ली लाए जाएंगे।
चौथे दिन 8 देशों से पहुंचेंगे भारतीय नागरिक
चौथे दिन की योजना में कुल 1,850 भारतीयों को स्वदेश लाने का सरकार ने कार्यक्रम बनाया है। ये भारतीय 8 देशों से आएंगे, जिनमें अमेरिका, यूके और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।
जांच के बाद ही उड़ान भरने की इजाजत मिलेगी
इस दौरान फ्लाइट में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रहने की तैयारी है। विमान की क्षमता के मुताबिक 200 से 300 यात्रियों की बैठने की व्यवस्था होगी, ताकि उनमें आवश्यक दूरी बनी रहे। विशेष विमानों में सवार होने से पहले यात्रियों को यह बताना होगा कि उन्हें बुखार, खांसी, डायबिटीज या सांस संबंधी कोई बीमारी तो नहीं है।
आईएनएस जलश्व अरब सागर में रवाना
नौसेना ने इस अभियान में विसाखापत्तन स्थित आईएनएस जलश्व समेत तीन जहाजों को लगाया है। आईएनएस जलश्व तो अरब सागर में मिशन की ओर कूच भी कर गया है। दूसरे जहाजों में आईएनएस शार्दूल और आईएनएस मगर शामिल हैं।
सबसे सख्त लॉकडाउन की वजह से फंसे भारतीय
दरअसल, भारत ने लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही मार्च में यहां आने वाली सारी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को पूरी तरह रोक दिया था। भारत ने जितने बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाया है, उतना किसी भी देश में नहीं हो पाया है। लेकिन, इसकी वजह से विदेशों में काम कर रहे या किसी काम से गए भारतीय और विदेशों पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स वहीं फंसे हुए हैं।
सरकार पहले इस तरह के अभियान के लिए तैयार नहीं थी
अभी तक सुरक्षा कारणों और कोरोना वायरस के संक्रमण के फिर तेजी से फैलने के खतरे के मद्देनजर सरकार इस तरह के ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं हो रही थी। बड़ी बात ये है कि जितने नागरिकों को लाया जाना है, उन सबको क्वारंटीन में रखने की भी व्यवस्था करनी पड़ेगी।
यूएई से 2,00,00 भारतीयों ने दिया है आवेदन
सिर्फ संयुक्त अरब अमीरात को ही ले लें तो वहां से करीब 2,00,00 भारतीयों ने वापसी के लिए आवेदन किया हुआ है। ये आंकड़े दुबई स्थित कॉन्सुलेट जनरल ऑफ इंडिया ने दिए हैं।
इन लोगों को मिलेगी प्राथमिकता
इस अभियान में वापसी के लिए गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, गंभीर रूप से बीमारों और जिनके परिवार में कोई दुखद घटना हुई हो या कोई नजदीकी गंभीर रूप से बीमार हो और फंसे हुए पर्यटकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
लक्षण दिखाई देने पर विमान में बैठन की मनाही होगी
सरकार
ने
साफ
कर
दिया
है
कि
वह
सिर्फ
बिना
लक्षणों
वाले
लोगों
को
ही
विमान
में
बैठने
की
इजाजत
देगी।
(कुछ
तस्वीरें
प्रतीकात्मक)
संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव, अमेरिका, यूके और सऊदी अरब से वापस लौटने की इच्छा रखने वाले भारतीय नीचे लिखे लिंक पर क्लिक करें और आवेदन फॉर्म भरें:-
संयुक्त अरब अमीरात: https://www.cgidubai.gov.in/covid_register/
सऊदी अरब: https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSc_yyVAYPD-VYH98RNOWZkDkGKVsf34qnu0oGoLdtts3RG7_Q/viewform
मालदीव: https://hci.gov.in/male/?10196?000
अमेरिका: https://indianembassyusa.gov.in/reg_indian_nationals
यूनाइटेड किंगडम: https://www.hcilondon.gov.in/news_detail/?newsid=227
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