महामारी में मनोबल बढ़ाने के लिए इस भारतीय कंपनी ने सैलरी बढ़ाई, कॉन्ट्रैक्टर्स को दिए 40 करोड़ रु
नई दिल्ली- कोरोना वायरस संकट आने के बाद दुनिया की कई सारी कंपनियों ने अपने स्टाफ से मुंह मोड़ लिया है। इस वैश्विक महामारी में बहुत ऐसे कामगार हैं, जिनकी कंपनियों ने उन्हें दर-दर भटकने को छोड़ दिया है। ऐसी बहुत सारी कंपनियां हैं, जहां लोगों ने अपने शरीर के सारे खून-पसीने लगा दिए, लेकिन आज उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। लेकिन, भारत में एक ऐसी कंपनी है, जिसने इस वैश्विक महामारी के समय न सिर्फ अपने कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए उनका वेतन बढ़ा दिया है, बल्कि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में देश के साथ भी कदम से कदम मिलाकर चल रही है। यहां हम देश के सबसे बड़े पेंट कंपनी एशियन पेंट्स की बात कर रहे हैं, जिसके कर्मचारियों के लिए आज उनकी कंपनी ही सहारा बन गई है।
कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए वेतन बढ़ाया
कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन की वजह से दुनियाभर की कंपनियों से कर्मचारियों को नौकरियों से निकालने और वेतन कटौती जैसे खबरें आ रही हैं। लेकिन, भारत की मशहूर पेंट कंपनी एशियन पेंट्स ने इन विपरीत हालातों में अपने कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्टर्स का मनोबल बढ़ाने का फैसला किया है। एशियन पेंट्स कंपनी भारत की सबसे बड़ी पेंट बनाने वाली कंपनी है। उसने इस संकट की घड़ी में अपने कर्मचारियों का न सिर्फ वेतन बढ़ाने का फैसला किया है, बल्कि अपने सेल्स स्टाफ को हॉस्पिटलाइजेशन और बीमा का लाभ देने का भी ऑफर दिया है और साथ ही सहयोगी स्टोर्स के लिए सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था करवाने और कैश से मदद करने का भी फैसला किया है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने अपने कॉन्ट्रैक्टर्स के खातों में 40 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर भी दिए हैं।
अगर सभी कंपनियों के होते ऐसे ही विचार
जिस समय ज्यादातर कंपनियां लॉकडाउन की वजह से नुकसान का रोना रो रही हैं, ऐसे में एशियन पेंट्स ने लीक से अलग हटकर फैसला क्यों लिया है, इसकी जानकारी खुद एशियन पेंट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित सिंलग्ले ने दी है। उन्होंने कहा है, 'हमें एक सच्ची लीडरशिप और एक संस्था का उदाहरण सेट करना है, जो अपने सभी स्टेकहोल्डर्स का ख्याल रखती है। मैं बोर्ड को लगातार इस तरह के कदमों की जानकारी देता रहता हूं और इन फैसलों के लिए उनकी मंजूरी भी मिल गई है।' उन्होंने यहां तक कहा है कि 'मैं इसे एक बड़े मौके के तौर पर देखता हूं जिसमें हर एक अकेले कर्मचारी के साथ बातचीत कर सकूं और बाजार की अनिश्चितता के माहौल के बीच उनकी आशंकाओं के प्रति उन्हें आश्वस्त कर सकूं। हम रखने और हटा देने वाले कारोबार में नहीं हैं और एक मैच्योर ब्रैंड होने के नाते अपने कर्मचारियों को भरोसा देना चाहते हैं कि इस वक्त हम सब एक साथ है।'
सैनिटाइजर भी बनाने लगी है कंपनी
इतना
ही
नहीं
कोरोना
महामारी
के
दौरान
एशियन
पेंट
ने
खुद
को
सैनिटाइजर
बनाने
के
काम
में
भी
उतार
दिया
है।
कंपनी
को
इसका
आइडिया
रसायन
मंत्रालय
के
आह्वान
से
मिला
है।
सिंलग्ले
के
मुताबिक
उनकी
कंपनी
विरोप्रोटेक
के
नाम
से
हैंड
और
सरफेस
सैनिटाइजर
की
कई
रेंज
लेकर
आई
है।
असल
में
उनकी
कंपनी
पहले
से
ही
हेल्थ
और
हाइजीन
को
ध्यान
में
रखकर
रॉयल
हेल्थ
शील्ड
के
रूप
में
एंटी-बैक्ट्रियल
और
एंटी-अस्थमा
पेंट
बना
रही
थी,
इसलिए
उसके
लिए
सैनिटाइजर
बनाना
ज्यादा
आसान
हो
गया।
यही
नहीं
कंपनी
ने
केंद्र
और
राज्य
सरकार
के
कोविड-19
रिलीफ
फंड
में
35
करोड़
रुपये
का
दान
भी
दिया
है,
ताकि
कोरोना
से
जंग
में
देश
को
सहायता
मिल
सके।
सैनिटाइजर
बनाने
का
काम
भी
उसी
दिशा
में
किए
गए
पहल
का
नतीजा
है।
(तस्वीरें
प्रतीकात्मक)