कोरोना वायरस: लॉकडाउन में ज़रूरी सामान कैसे ले पाएंगे आप?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना वायरस पर जनता को संबोधित किया तो बहुत कम लोग थे जिन्होंने उनका पूरा भाषण सुना. भाषण के सातवें मिनट में ही पीएम ने एलान कर दिया था कि भारत में अगले 21 दिन पूरी तरह से लॉकडाउन लागू रहेगा. बस फिर क्या था, इतना सुनते ही बाज़ारों में ज़रूरी सामान ख़रीदने वालों की कतारें लग गईं. लोग सोशल डिस्टैंसिंग को भूलकर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना वायरस पर जनता को संबोधित किया तो बहुत कम लोग थे जिन्होंने उनका पूरा भाषण सुना.
भाषण के सातवें मिनट में ही पीएम ने एलान कर दिया था कि भारत में अगले 21 दिन पूरी तरह से लॉकडाउन लागू रहेगा.
बस फिर क्या था, इतना सुनते ही बाज़ारों में ज़रूरी सामान ख़रीदने वालों की कतारें लग गईं.
लोग सोशल डिस्टैंसिंग को भूलकर दुकानों में ज़रूरी सामान, राशन दवाइयां, सब्ज़ी, फल इकट्ठा करने में जुट गए.
यही हाल जनता कर्फ़्यू से एक दिन पहले देखने को मिला था.
नतीजा ये रहा कि किराना दुकानों में भी ज़रूरी सामान की सप्लाई कम हो गई है. दुकानदारों का कहना है कि माल पीछे से ही नहीं आ रहा है.
तो क्या देश में ज़रूरी सामानों की क़िल्लत है या फिर उस सामान के रिटेल स्टोर तक पहुंचने में परेशानी हो रही है?
ज़रूरी सामान का स्टॉक
आँकड़ों की बात करें तो फ़ूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक़ मार्च तक गेंहू और चावल का स्टॉक काफ़ी है. चावल का स्टॉक 309.76 लाख मिट्रिक टन है वहीं गेंहू का 275 लाख मिट्रिक टन है.
FCI के मुताबिक़ हर साल इस महीने में स्टॉक तकरीबन इतना ही रहता है. इस साल दोनों की पैदावार भी अच्छी हुई है, जो अभी मंडी तक नहीं पहुंचा है.
इसके आलावा ज़रूरी सामानों की लिस्ट में दाल, सब्ज़िया, फल, दूध और दवाइयां भी आती हैं.
इसकी ज़िम्मेदारी NAFED की होती है यानी नेशनल एग्रीकल्चर कॉपरेटिव मार्केटिंग फ़ेडरेशन ऑफ इंडिया की. बीबीसी से बातचीत में नेफ़ेड के चेयरमैन ने बताया कि उनके पास दाल और ऑयल सीड (यानी मूंगफली, सोया) इसकी कोई कमी नहीं है.
उनके पास स्टॉक इतना है कि दो साल तक पूरे देश की मांग को पूरा कर सकें. उन्होंने सभी राज्य सरकारों को इस बारे में चिट्ठी भी लिखी है कि राज्य सरकारों के पास किसी तरह की कोई परेशानी है तो वो उनसे संपर्क कर सकते हैं. पांच से सात दिन के भीतर उन तक सामान पहुंच जाएगा.
सप्लाई में नहीं सप्लाई चेन में है दिक्क़त
इससे साफ़ ज़ाहिर है कि परेशानी ज़रूरी सामानों की सप्लाई में नहीं बल्कि उसकी सप्लाई चेन में है.
चाहे ऑनलाइन सामानों की ख़रीद की ई-डिलिवरी की बात हो या फिर सामानों के रिटेल की दुकानों पर पहुंचने की बात हो परेशानी वहीं आ रही है.
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा है कि बॉर्डर पर ज़रूरी सामान लाने ले जाने वाले ट्रक रुके हैं. ड्राइवरों के पास खाना पानी का पैसा नहीं है. उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
बीबीसी ने एसोसिएशन के सचिव नवीन गुप्ता से बात की. उनके मुताबिक़ सरकार को थोड़ा समय देना चाहिए था. हमें तैयारी करने का बिलकुल समय नहीं मिला.
उन्होंने बताया कि रविवार को जनता कर्फ़्यू था और सोमवार से ही कई राज्यों ने लॉकडाउन कर दिया था. दिक्कतें वहीं से शुरू हो गई. सबसे ज़्यादा परेशानी उन ट्रकों को आ रही है जो ट्रांजिट में हैं, यानी अभी एक जगह से दूसरे जगह जा आ रही हैं. कुछ के पास ज़रूरी सामान है और कुछ के ग़ैरज़रूरी सामान हैं. लेकिन जाने-आने का पास किसी के पास नहीं है.
ट्रांसपोर्टर की समस्या
नवीन गुप्ता अपनी बात को बेहतर तरीक़े से समझाने के लिए उदाहरण देते हैं. मान लीजिए एक ट्रक ज़रूरी सामान लेकर गुजरात से दिल्ली के लिए चला. रास्ते में कई दिन लगेंगे. उसके पास भी नहीं है. एक बार के लिए मान लीजिए की वो सामान की चेकिंग कराने के बाद दिल्ली पहुंच गए. सामान अनलोड भी कर दिया. लेकिन फिर ख़ाली ट्रक दोबारा कैसे जाएगा. इसके लिए सरकार को इंतजाम करना चाहिए.
@nitin_gadkari @narendramodi @PMOIndia @OfficeOfNG @MORTHIndia SOS: Kindly allow goods carrying vehicles in transit to reach their destination. The drivers & helpers are stranded on highways without food & water. They are facing acute anxiety and hardship. URGENT DIRECTIONS REQD.
— ALL INDIA MOTOR TRANSPORT CONGRESS (@aimtc1936) March 24, 2020
उन्होंने इस बारे में सरकार को चिट्ठी भी लिखी है. ट्रांसपोर्टर की समस्या यहीं ख़त्म नहीं होती. ड्राइवरों को रास्ते में खाना पानी की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है. हाई-वे के आस-पास खाने पीने की सभी चीज़े बंद हैं. ऐसे में ड्राइवर लंबी दूरी के सामान ले जाने से मना कर रहे हैं.
नवीन गुप्ता कहते हैं, ''शुरुआत के कुछ दिनों में असर कम दिखेगा. लेकिन समय रहते क़दम न उठाए गए तो 21 दिनों में हाल बुरा होने वाला है.''
ऑन-लाइन सेवा प्रभावित
कुछ ऐसा ही हाल ऑन-लाइन सामान बेचने वाली कंपनियों के सामने भी आ रहा है. Flipkart, bigbasket, hellomilkbasket, netmed, जैसी तमाम कंपनियां जो घर तक दूध, सब्ज़ी राशन का दूसरा सामान पहुंचाने का काम करती हैं, उन्होंने फ़िलहाल देश के अलग-अलग हिस्सों में अपनी सेवाएं रोक दी हैं.
इनमें से कुछ डिलिवरी बॉय न होने को कारण बता रहे हैं तो कुछ का कहना है कि स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस तक ज़रूरी सेवाओं की लिस्ट ठीक से नहीं पहुंची है.
No milk supplies at home as @HelloMilkbasket says it is helpless in NOIDA & Gurgaon. Authorities must intervene @myogiadityanath @mlkhattar pic.twitter.com/RZy35uGL7Q
— Aman Sharma (@AmanKayamHai_ET) March 25, 2020
@samidhas we have had to close deliveries across NCR, Mumbai, Bangalore and Kolkata. No clear mandate on ground - staff asked to return and some delivery executives hit as well on Monday. https://t.co/7L3r9BIwdx
— Siddhant (@siddhantwangdi) March 25, 2020
Flipkart has suspended its operations pic.twitter.com/TS8len6ylT
— Madhav Chanchani (@madhavchanchani) March 25, 2020
Also, @bigbasket_com says it is helpless pic.twitter.com/gWHSBGg1n5
— Aman Sharma (@AmanKayamHai_ET) March 25, 2020
राज्य सरकारों की पहल
लोग जहां भी हों अपनी समस्याओं से मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों को ट्विटर पर अवगत करा रहे हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉंफ्रेंस करके इस समस्या का हल भी सुझाया है. दिल्ली सरकार बुधवार शाम तक एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने जा रही है.
इस हेल्पलाइन नंबर पर फ़ोन करके जो ज़रूरी सामान को लाने ले जाने से जुड़े लोग हैं, वो ई-पास बनवा सकते हैं. सरकार बुधवार से इस ई-पास जारी करने का काम शुरू कर रही है.
Delhi is prepared to ensure essential supplies are available to all during the 21-day lockdown. Important updates on Delhi's effort to contain Covid-19. https://t.co/Ee3qpK28Rm
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 25, 2020
ठीक इसी तरह से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी क़दम उठाए हैं. प्रधानमंत्री के भाषण के बाद उन्होंने तुंरत वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, "10,000 गाड़ियों से घर-घर ज़रूरी सामान की डिलिवरी कराएगी राज्य सरकार. इसमें से 4500 पुलिस के वाहन होंगे, 4200 के तकरीबन 108 और 102 नंबर वाले एंबुलेंस होंगे, कुछ खाद्य विभाग की गाड़ियां होंगी. इसलिए जनता पैनिक में आकर दुकानों में भीड़ ना जुटाएं.''