गांवों में कोहराम मचा रहा कोरोना, चार गुना बढ़े संक्रमण और मौत के मामले, देखिए आंकड़े
नई दिल्ली, 8 मई। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है। पहली लहर में कोरोना वायरस ने शहरों को प्रभावित किया था लेकिन इस बार इस जानलेवा वायरस गांवों में भी तेजी से फैल रहा है। ग्रामीण इलाकों में तेजी से बढ़ते संक्रमण ने सरकार के साथ की स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता में डाल रखा है। पिछले साल सितंबर में पहली लहर के पीक पर होने से तुलना करें तो देश के अंदरूनी हिस्से या पिछड़े क्षेत्रों में संक्रमण के मामलों की संख्या चार गुनी हो गई है। यही नहीं मृतकों की संख्या में भी भारी वृद्धि देखी गई है।
बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड (बीआरजीएफ) ने 273 में से 243 जिलों का डेटा उपलब्ध कराया है जिसके मुताबिक 5 मई को बीमारी से संक्रमित लोगों की संख्या 39.16 लाख से अधिक थी जो कि 16 सितंबर 2020 को पहली लहर में मिले 9.5 लाख संक्रमण से चार गुना ज्यादा है।
सक्रिय
मामलों
की
संख्या
भी
बढ़ी
दूसरी
लहर
के
चरम
पर
सिर्फ
संक्रमण
ही
नहीं
बल्कि
सक्रिय
मामलों
की
संख्या
में
भी
इन
जिलों
पर
लोड
काफी
ज्यादा
है।
पहली
लहर
की
तुलना
में
इन
जिलों
में
सक्रिय
मामलों
की
संख्या
4.2
गुना
ज्यादा
है।
इन
जिलों
में
7.15
लाख
लोग
वर्तमान
में
इस
बीमारी
से
ग्रसित
हैं।
ग्रामीण
जिलों
में
केस
के
बढ़ते
बोझ
ने
स्वास्थ्य
सेवाओं
पर
तनाव
को
चरम
पर
पहुंचा
दिया
है।
मामलों की बढ़ती संख्या ने इन जिलों में मौतों के आंकड़े को भी बढ़ा दिया है। 5 मई तक 243 जिलों में कोरोना वायरस से 36,523 मौतें दर्ज की गई हैं। जबकि पहली लहर के दौरान 16 सितम्बर 2020 तक इन जिलों में मरने वालों की संख्या 9,555 थी।
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बीआरजीएफ के तहत आने वाले 272 जिलों में लगभग 54 प्रतिशत सिर्फ पांच राज्यों से आते हैं। इनमें बिहार (38 जिले) उत्तर प्रदेश (35), मध्य प्रदेश (30), झारखंड (23) और ओडिशा (20) । ये राज्य बहुत अधिक श्रम बल या प्रवासी श्रमिक प्रदान करते हैं। देश में शहरी केंद्रों को अधिकार है।