Coronavirus: यूजीसी पैनल ने जुलाई के बजाय इस महीने में विवि/कॉलेज सत्र शुरु करने सिफारिश की, सरकार सुना सकती हैं ये फैसला
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण के भारत में दस्तक देने के बाद ही देश भर के विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च से बंद कर दिया गया था। मोदी सरकार के देशव्यापी लॉकडाउन के फैसले के साथ ही सभी स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालयों में पढ़ाई नहीं हो रही है। कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के कारण पहले ही वर्ष 2020-21 के शैक्षणिक सत्र शुरु होने में देरी हो चुकी हैं, इसी बीच सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने उच्च शिक्षा के शैक्षणिक सत्र जुलाई के बजाए और आगे बढ़ाने की सिफारिश की हैं।
यूजीसी ने इस माह में सत्र शुरु करने की सिफारिश
बता दें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा परीक्षा से जुड़े मुद्दों और कक्षा बंद के मद्देनजर अकादमिक कैलेंडर पर विचार-विमर्श के लिए गठित सात सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट पेश की। जिसमें उच्च शिक्षा के लिए जुलाई के मध्य से शुरू होने वाले पारंपरिक सत्र को सितंबर में शुरु करने की सिफारिश की की हैं। गाौरतलब हैं कि इस पैनल ने नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने में दो महीने की देरी करने के अलावा ये भी सिफारिश की है कि वर्ष के अंत या सेमेस्टर-अंत की परीक्षाएं जो अनुसूची पर आयोजित नहीं की जा सकती हैं, उन्हें जुलाई में आयोजित किया जाना चाहिए।
पैनल में हैं ये सदस्य
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आर सी कुहाड़ ने पैनल का नेतृत्व किया। एक सी पांडे, इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर के निदेशक; आदित्य शास्त्री, बाणस्थली विद्यापीठ के कुलपति; और पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रमुख राज कुमार इसके अन्य सदस्यों में से हैं। यूजीसी विश्वविद्यालय की परीक्षाओं पर दिशानिर्देशों और समिति की रिपोर्ट के आधार पर अकादमिक कैलेंडर की रूपरेखा तैयार करेगा। सूत्रों के अनुसार "दिशा-निर्देश उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए बाध्यकारी नहीं होंगे, लेकिन वे बाहरी समय सीमा निर्धारित करेंगे, जिससे सरकार को उम्मीद है कि वे अपना नया शैक्षणिक वर्ष शुरू करेंगे।"
सत्र आगे जाने से विवि कर सकती हैं कोर्ट का रुख
इस समिति यूजीसी की इस सिफारिश को अगर यूजीसी स्वीकार करती है, तो इसका मतलब होगा कि राज्यों के विवि जैसे चिकित्सा कार्यक्रमों (31 अगस्त) और इंजीनियरिंग (15 अगस्त) जैसे टेक्निकल कोर्स में प्रवेश को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार को अंतिम तिथि बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करना होगा। बता दें इन समयसीमाओं को शीर्ष अदालत ने अनिवार्य कर दिया है और इसीलिए इसके साथ छेड़छाड़ किए जाने से पहले इसकी शीर्ष अदालत की अनुमति की आवश्यकता होगी।
ऑनलाइन शिक्षा की सिफारिश
वहीं यूजीसी द्वारा ऑनलाइन शिक्षा पर सिफारिशें करने के लिए गठित एक अन्य समिति ने विश्वविद्यालयों को "विविधता, स्थानीय वातावरण, छात्रों की संरचना और शिक्षार्थियों की तैयारी, वर्तमान बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी सहायता" को देखते हुए ऑनलाइन परीक्षा अनिवार्य रूप से आयोजित करने के लिए कहा है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) के कुलपति नागेश्वर राव ऑनलाइन सीखाने पर समिति का नेतृत्व कर रहे हैं।
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