कोरोना के खिलाफ जंग: तीन दिग्गज संस्थानों को 40 हजार वेंटिलेटर और 20 हजार मास्क बनाने के आदेश
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अब इस खतरनाक वायरस से लड़ने के लिए सरकार भी पूरी तरह तैयार है। देश से इस महामारी का सफाया करने के लिए तीन दिग्गज संस्थानों को 40 हजार वेंटिलेटर और 20 हजार मास्क बनाने का आदेश दिया गया है। इस बात की जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के हवाले से दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमेटिड को स्थानीय निर्माताओं के सहयोग से अगले दो महीने में 30 हजार वेंटिलेटर बनाने को कहा गया है। ऑटोमोबाइल निर्माताओं को वेंटिलेटर के निर्माण के लिए कहा गया है, जो इस दिशा में काम भी कर रहे हैं। इसके अलावा नोएडा की अगवा हेल्थकेयर कंपनी को एक महीने के भीतर 10,000 वेंटिलेटर का निर्माण करने को कहा गया है। उनकी आपूर्ति अप्रैल के दूसरे सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) अगले सप्ताह के भीतर रोजाना 20,000 N-99 मास्क का निर्माण शुरू करेगा। बता दें डीआरडीओ कोरोना से लड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है। सैनिटाइजर और मास्क बनाने के लिए भी डीआरडीओ दिन रात काम कर रहा है। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉक्टर सतीश रेड्डी ने कहा था कि हमारी लैब अभी तक बीस हजार से ज्यादा बोतल सैनिटाइजर तीनों सेनाओं, स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को दे चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 2 घरेलू निर्माता कंपनी रोजाना 50,000 N95 मास्क का उत्पादन कर रहे हैं। इसके अगले सप्ताह के भीतर हर दिन 1 लाख तक जाने की उम्मीद है। भारत के अस्पतालों में 11.95 लाख N95 मास्क स्टॉक में हैं। मंत्रालय ने कहा कि पांच लाख मास्क बीते 2 दिन में वितरित किए जा चुके हैं और 1.40 लाख मास्क आज बांटे जाएंगे।
मंत्रालय ने कहा, देशभर के अस्पतालों में 3.34 लाख पीपीई यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट मौजूद हैं। 4 अप्रैल तक विदेशों से प्राप्त 3 लाख कवर आ जाएंगे। पीपीई कवर के 11 घरेलू उत्पादक योग्य हैं और उन्हें 21 लाख के ऑर्डर दिए हैं। वह रोजाना 6-7 हजार पीस की सप्लाई कर रहे हैं और अप्रैल के मध्य तक ये संख्या 15 हजार हो जाएगी। एक अन्य घरेलू कंपनी को पांच लाख पीपीई कवर का ऑर्डर दिया गया है।
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