पानी में भी मिला कोरोना वायरस, फ्रांस में सप्लाई रोकी गई- रिपोर्ट
नई दिल्ली- डॉक्टर और वैज्ञानिक बार-बार आगाह कर रहे हैं कि नोवल कोरोना वायरस के बारे में अभी सबकुछ पता नहीं चल सका है। वैज्ञानिकों का सारा ध्यान तो इलाज करने, इलाज के लिए दवा खोजने और संक्रमण रोकने के लिए वैक्सीन की तलाश में लगा हुआ है। लेकिन, इस बीच कोरोना वायरस के बारे में लगभग रोजाना कोई न कोई नई बात सामने आ जाती है। पहले वैज्ञानिकों ने बताया कि यह जानलेवा वायरस घंटों तक हवा में भी जिंदा रह सकता है और इसलिए डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को ज्यादा एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। लेकिन, अब जो जानकारी सामने आई है, वह तो और भी हिला देने वाली है। फ्रांस में इस वायरस को पानी के अंदर भी मौजूद पाया गया है। हालांकि, अभी पानी के जिस सैंपल में यह वायरस पाया गया, वह पीने का पानी नहीं था, लेकिन सवाल उठता है कि अगर किसी एक जगह कोरोना वायरस पानी में अपनी पैठ बना सकता है तो क्या वह दूसरी जगह भी पानी को संक्रमित नहीं कर सकता?
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गैर-पेयजल नेटवर्क के सैंपल में मिला कोरोना वायरस
फ्रांस की राजधानी पेरिस में सड़कों की सफाई और बगीचों में इस्तेमाल होने वाले पानी में नोवल कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता चला है। इसके बाद वहां इस पानी की सप्लाई रोक दी गई है। हालांकि स्थानीय प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि शहर में पीने वाला पानी सुरक्षित है। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक पेरिस म्युनिसिपल वॉटर मैनेजमेंट की लैब में गैर-पेयजल सप्लाई नेटवर्क के 27 सैंपलिंग प्वाइंट में से 4 जगहों पर नोवल कोरोना वायरस के छोटे निशानों का पता लगाया है। फिलहाल राहत की बात ये बताई जा रही है कि यह नेटवर्क पेयजल नेटवर्क और घरेलू सप्लाई से पूरी तरह से अलग है।
संक्रमित पानी की सप्लाई रोकी गई
गैर-पेयजल पानी की सप्लाई में कोरोना वायरस का पता चलने के बाद शहर में उसकी सप्लाई रोक दी गई है और सार्वजनिक स्थलों पर फिलहाल पेयजल नेटवर्क से मिलने वाले पानी का ही उपयोग शुरू कर दिया गया है। वैसे फ्रांस में कोविड-19 के मामलों में धीरे-धीरे सुधार दिखने लगा है। रविवार को 11 दिन बाद वहां आईसीयू में जाने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है। यही नहीं पिछले एक महीने में वहां नए मरीजों के मामले में होने वाले इजाफे में भी कमी दर्ज की गई है और रविवार को 2,000 से महज कुछ ज्यादा नए केस ही सामने आए हैं।
यूरोप में पाबंदियों में ढिलाई के मिल रहे हैं संकेत
इस बीच फ्रांस के प्रधानमंत्री एडुअर्ड फिलिप ने आने वाले हफ्तों में बिजनेस और ट्रैवल पर लगाई गई पाबंदियों के हटाने के संकेत भी देने शुरू कर दिए है। उन्होंने कहा है कि दो हफ्तों के भीतर हम इन पाबंदियों को हटाने के लिए एक सकारात्मक योजना का खुलासा करेंगे। फ्रांस ही नहीं कोविड-19 महामारी से यूरोप में सबसे बुरी तरह प्रभावित (फ्रांस समेत) इटली और स्पेन में भी पहली बार राहत के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। जर्मनी भी जल्द ही व्यापारिक गतिविधियों को शुरू करने को तैयार होने लगा है।
यूरोप को सोशल-डिस्टेंसिंग से मिल रहा है फायदा
रविवार को स्पेन में कोरोना वायरस की वजह से 410 लोगों की मौत हुई और वहां मौत का आंकड़ा 20,453 तक पहुंच गया, जो कि 22 मार्च के बाद सबसे कम है। इटली में भी सिर्फ 433 मौत हुई जो कि हफ्ते में सबसे कम है। जबकि, फ्रांस में यह आंकड़ा पिछले तीन हफ्तों में सबसे धीमी गति से ऊपर चढ़ा है। जर्मनी और यूके के आंकड़े भी बता रहे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों ने असर डाला है।
करीब 24 लाख हुई संक्रमितों की तादाद
बता दें कि रविवार तक मिले आंकड़े के मुताबिक दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या पौने चौबीस लाख तक पहुंच चुकी है, जिनमें से 6 लाख 11 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं, लेकिन एक लाख तिरसठ हजार से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में अपनी जान गंवा बैठे हैं। संक्रमण और मौतों दोनों के मामले में सबसे पहले स्थान पर अमेरिका है, जहां करीब साढ़े सात लाख लोग संक्रमित हैं और करीब चालीस हजार लोगो की जान जा चुकी है।