कोरोना से 116 मौतें या 66? दिल्ली सरकार और अस्पताल के डाटा में इतना बड़ा अंतर
नई दिल्ली। देश की राजधानी में कोरोना वायरस से मौत के आंकड़े को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है। दिल्ली सरकार के अनुसार राजधानी में अब तक कोरोना वायरस से 66 लोगों की मौत हुई है, वहीं अस्पतालों के डाटा के हिसाब से मरने वालों का आंकड़ा 116 है। ये डाटा चार अस्पतालों (लोकनायक अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, दिल्ली-झज्जर सेंटर ऑफ एम्स) का है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जिन चार अस्पतालों का डाटा 116 मौतें बता रहा है, बुलेटिन में वहां 33 मौतें दर्ज थीं। संपर्क करने पर दिल्ली सरकार के प्रवक्ता ने कहा, 'डॉक्टरों की एक ऑडिट कमेटी है जो कोविड अस्पतालों द्वारा बताई गई हर मौत की घटना की जांच करती है और सुनिश्चित करती है कि हर मौत की सूचना दी जाए। इस समिति के काम में किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। हर एक तथ्य को सही और पारदर्शी तरीके से जनता के सामने पेश किया जा रहा है।'
आरएमएल अस्पताल में 52 मरीजों की मौत का रिकॉर्ड है मगर दिल्ली सरकार के बुलेटिन में वहां 26 मौतें दर्ज हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में वहां की मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ मीनाक्षी भारद्वाज ने कहा कि वे रोजाना दिल्ली सरकार को डाटा भेज रही हैं। उन्होंने कहा कि पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या भी गलत है। कई बार जानकारी दी मगर अबतक ठीक नहीं हुआ है। एम्स झज्जर में गुरुवार रात तक कोरोना से 14 मरीजों की मौत हो चुकी थी। लेकिन बुलेटिन में यहां दो मौतें रिकॉर्ड हुईं।
यहां के सुप्रिटेंडेंट डॉ डीके शर्मा ने कहा कि वो दिल्ली सरकार को पूरा डाटा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि शायद दिल्ली सरकार केवल दिल्ली का डाटा ले रही हो। झज्जर कैंपस हरियाणा में आता है मगर यहां दिल्ली के मरीज ट्रांसफर किए गए हैं। LNJP के मेडिकल डायरेक्टर ने कोरोना से 47 मरीजों की मौत की पुष्टि की, सरकारी रिकॉर्ड में यहां पांच मौतें दर्ज हैं। इसके अलावा लेडी डार्डिंग अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक भी मौत नहीं हुई है, लेकिन बीते एक महीने में यहां कोरोना के तीन मरीजों की मौत हुई है। इन तीन मरीजों की मौत की पुष्टि मेडिकल डायरेक्टर डॉ एनएन माथुर ने की है।
दूसरी ओर दिल्ली में एक निजी लैब की रिपोर्ट्स में भी गड़बड़ी की शिकायतें हैं। इसपर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि इसको चेक करा रहे हैं। निजी लैब के डाटा में गड़बड़ी पाए जाने पर जांच बैठा दी गई है। जैन ने कहा कि सरकार ने तीन दिन पहले आदेश दिया है कि जो भी कोरोना टेस्ट होगा, उसकी 24 घंटे में रिपोर्ट देना अनिवार्य है। 24 घंटे में रिपोर्ट नहीं आई तो उसकी मान्यता खत्म हो जाती है। मान लीजिए एक मरीज है, उसको लगता है लक्षण हैं। डॉक्टर असमंजस में हैं कोरोना है या नहीं। कोरोना है तो कोरोना अस्पताल में रखेंगे। नहीं है तो सामान्य अस्पताल में भेजेंगे। इसी असमंजस को दूर करने के लिए आदेश दिया गया है।
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🏥Delhi Health Bulletin - 8th May 2020 🏥#DelhiFightsCorona pic.twitter.com/tVl7PK0hYV
— CMO Delhi (@CMODelhi) May 8, 2020
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